Wednesday, 10 February 2016

आदिवासीयों के विकास कि लिए महाराष्ट्र सरकार प्रतिबद्ध -राज्यपाल सी.वी राव


नई दिल्ली,१०: महाराष्ट्र सरकार आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबध्द है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की प्रगति के लिए राज्य सरकार द्वारा बड़े कदम लिये जा रहे हैं। महाराष्ट्र  के राज्यपाल सी.विद्यासागर राव ने राष्ट्रपति भवन में संपन्न हुए राज्यपालों के ४७ वें सम्मेलन में बाताया कि इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को विभिन्न आपातकालीन सेवाएं प्रदान की जा रही है।

सम्मेलन में राज्यपाल ने बताया कि राज्य के विकास कार्य के लिए निर्धारित क्षेत्र ग्राम पंचायतों को सीधे वार्षिक जनजातीय उप-योजना के धन का ५% हिस्सा जारी किया गया है। प्रदेश के नंदुरबार, गढ़चिरोली, नांदेड़ और अमरावती जिले के मेलघाट क्षेत्र में बसे आदिवासी लोगों तक संचार तथा स्वास्थ्य सेवाएं पहुचाने का कार्य राज्य सरकारद्वारा किया जा रहा है।

            सुरक्षा की दृष्टि से राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए  हैं। राज्य की समुद्री सीमाओं के अवलोकन, पंजीकरण और जांच के कार्य के लिए मुंबई में 'येलो गेट पुलिस थाने' की स्थापना की गयी है। महाराष्ट्र, पश्चिमी तट का समन्वय कर रहा है जो देश के पांच राज्यों के तट को शामिल करता है।

उन्होंने आगे कहा, तटीय सुरक्षा कि उचित अवलोकन और मछुआरों की सुरक्षा और पहचान के लिए, सभी तटीय जिलों में मत्स्य निगरानी और नियंत्रण केंद्रों की स्थापना कि जानी चाहिये।

            जनजातीय लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के दिशा में वर्तमान में राज्य द्वारा किए जा रहे प्रयास , स्वच्छ भारत अभियान और कौशल विकास में कॉर्पोरेट क्षेत्र को शामिल करने के लिए  राज्य द्वारा महत्वपूर्ण उठाए जा रहे है कदम तथा स्वच्छ भारत मिशन सम्मेलन की प्रगति के बारे में भी उन्होंने जानकारी दी।

    राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया । उद्घाटन सम्मेलन में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज उपस्थित थे। सम्मेलन २३ राज्यपालों और राज्यों के २ लेफ्टिनेंट गवर्नर भी सम्मिलित हुए ।

            इस दो दिवसीय सम्मेलन में मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटी मिशन, स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं पर चर्चा की गयी  और 2022 तक इसे लागू किये जाने की बात रखी गयी। देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर चर्चा भी हुई।
                           
                            ०००००००००

सूचना : साथ छायाचित्र सलग्न है.































No comments:

Post a Comment