Tuesday 28 February 2017

मुंबई के सागरी मार्ग से संबंधित अंतिम अधिसूचना एक महिने में होगी जारी :मुख्यमंत्री फडणवीस






नई दिल्ली, दि. 28: मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मंगलवार को यहां कहा कि केन्द्र सरकार मुंबई के सागरी मार्ग से संबंधित सीआरजेड के बारे में अंतिम अधिसूचना एक महिने के भीतर जारी करेगी।
इस मसले पर आज यहां इंदिरा भवन में मुख्यमंत्री की केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे के साथ चर्चा हुई। बैठक में मुख्यमंत्री सचिवालय के अपर मुख्य सचिव प्रवीण कुमार परदेशीपर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश गवईब्रृहन्ममुंबई महानगरपालिका के आयुक्त अजोय मेहताअतिरिक्त आयुक्त (प्रकल्प) संजय मुखर्जीवन (राजस्व एवं वन) विभाग के सचिव विकास खारगेराजशिष्टाचार व निवेश आयुक्त लोकेश चंद्र, सिडको के सहव्यवस्थापक प्राजक्ता लंवगारे-वर्मा आदि मौजूद थे। 
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से सागरी मार्ग नियामक क्षेत्र से संबंधित प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए केन्द्र सरकार को भेजा गया था। केन्द्रीय मंत्री ने उन्हे आश्वस्त किया है कि वे एक महिने के भीतर इस बारे में अंतिम अधिसूचना जारी करेंगे। मुंबई के दक्षिण क्षेत्र के कामों के टेंडर भी निकाले जायेंगे। इससे पहले अलग-अलग अधिसूचनाए निकालकर अनुमति दी जाती रही है, लेकिन अब इस संबंध में एक माह के भीतर अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।

मुंबई के सीआरजेड में झुग्गीयों के पुर्नविकास के लिए 51:49 फार्मुला तय किया गया था। बावजूद इन झुग्गियों का पुर्नविकास पिछले कुछ सालों में नही हो सका। वजह, समप्रमाण का लिया गया निर्णय व्यवहारिक नही था। इस बारे में नाईक समिति ने अपनी रिपोर्ट भी दी है। इस पर केन्द्र सरकार द्वारा शीघ्र फैसला लिया जाए, ताकि इन झुग्गियों का जल्द विकास किया जा सके। ऐसी मांग भी मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री के साथ हुई चर्चा के दौरान रखी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मसले पर 4 मार्च को एक बैठक बुलाई गई है।

त्योहारों पर लाउड स्पीकर बजाने की 25 दिन की हो सीमा : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मंगलवार को केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे से मुलाकात कर त्योहारों पर लाउड स्पीकर बजाने की मौजूदा 15 दिन तक की अनुमति को बढ़ाकर 25 दिन किए जाने का अनुरोध किया। जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने इस मामले में जुलाई माह के पहले ही निर्णय लिए जाने की बात कहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में आयोजित बडे उत्सवों के लिए लाउड स्पीकर बजाने की सीमा को बढाने की अनुमति देती है, लेकिन यह अनुमति उस-उस स्थानीय कार्यक्रमों तक ही सीमित नही रहती। बल्कि इसे पूरे राज्य भर में देनी पडती है। लिहाजा स्थानीय उत्सवों के महत्व को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी को लाउड स्पीकर बजाने की सीमा बढाने के अधिकार प्रदान किया जाए। केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वे इस मामले में जुलाई में फैसला लेंगे।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने ध्वनि प्रदूषण अधिनियम 2000 में वर्ष 2002 में किए गए बदलाव के अनुसार पूरे साल में कोई भी 15 दिन ही रात 10 के बजाय 12 बजे तक लाउड स्पीकर बजाने की अनुमति दी जा सकती है।
झुडपी जंगल जमीन का पट्‌टा कम किया जाए

 देवेंद्र फडणवीस ने बैठक के दौरान विदर्भ के झुड़पी जंगल जमीन के मौजूदा 90 हजार हेक्टेयर के पट्‌टे को 50 हजार हेक्टेयर करने की भी मांग की। उन्होने कहा कि विदर्भ के नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, गडचिरोली और गोंदिया में स्थित झुडपी जंगल जमीन का उपयोग इससे पहले राजस्व क्षेत्र के लिए होता रहा है, लेकिन सरकारी दस्तावेजों में इसका आज भी उल्लेख झुडपी जंगल ही है। इसमें बदलाव करने की जरुरत है। साथ ही सात बारा में भी झुडपी जंगल जमीन ऐसा ही उल्लेक किया गया। जिसमें बदल करने के अधिकार दिए जाने का भी मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को अनुरोध किया। जिस पर दवे ने इस पर जल्द ही सकारात्मक निर्णय लेने की बात कहीं।
नागपुर के गोरेवाडा प्राणी संग्रहालय के लिए गैर-वन जमीन निर्धारित होगी
नागपुर के गोरेवाडा प्राणी संग्रहालय के लिए निर्धारित गैर वन-जमीन के संबंध में भी बैठक में चर्चा हुई। इस बारे में राज्य सरकार द्वार केन्द्र को प्रस्ताव भेजा गया है। यहां पर प्राणी संग्रहालय और नाईट सफारी बनाने की राज्य सरकार की मंशा है, लेकिन इसके लिए केन्द्र सरकार से कितनी जमीन दी जाएगी इस बारे में अब तक फैसला नही लिया गया है। इस पर शीघ्र ही फैसला लिया जाता है तो प्राणी संग्रहालय के काम को गति मिलेगी। इस पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह बड़ा विषय है और   इस पर और विस्तृत च र्चा के लिए शीघ्र ही बैठक बुलाए जाएगी। इसके अलावा अरबी समुद्र में बहके जाने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए शीघ्र कदम उठाए जाने के अलावा बैठक में पर्यावरण से संबंधित करीब 16-17 मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से चर्चा की।



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सूचना :  साथ छायाचित्र जोड़े है

Centre gives in-principle nod to financial assistance of Rs. 600 crore for conservation of Raigad Fort: Devendra Fadnavis






NEW DELHI, Feb 28: The Central Government has given its in-principle nod for a detailed project report (DPR) worth Rs. 600 crore, proposed by the Maharashtra Government on restoration and beautification of the historical fort of Raigad, which was capital of Chhatrapati Shivaji Maharaj’s empire. Informing this to the media persons during an press interaction in New Delhi on Tuesday, Maharashra Chief Minister Devendra Fadnavis told that the State Government would soon take the work for restoration and beautification of various forts in the state including the historical fort of Raigad.
               Fadnavis was speaking after a meeting at held at Transport Bhavan in New Delhi, headed by Union minister for State (Independent Charge) for Culture and Tourism Dr. Mahesh Sharma, to find out solutions to various problems being faced in restoring and beautifying various famous forts and caves in the State. The meeting was also attended by Union Road Transport & Highways and Shipping Minister Nitin Gadkari, Secretary of Tourism Ministry N K Sinha, Secretary of the Cultural Ministry Vinod Joshi, Director General of the Department of Archeological Survey Dr. Rakesh Tiwari, Additional Chief Secretary in the Chief Minister’s Office Praveen Pardeshi, Principal Secretary of the Department of Tourism and Cultural Work Valsa Nair and Regional Commissioner of Konkan Region Prabhakar Deshmukh.
                  Chief Minister said that public sentiments are closely attached with the historical forts from the era of Shivaji Maharaj and are an important heritage of glorious history of Shivaji era. They offer an effective medium through tourism, said Fadnavis, underlining the need for their restoration and beautification. He justified the initiative taken by the Government in this regard. Informing about the state government submitting a DPR worth Rs. 600 crore towards a project regarding restoration and beautification of Raigad Fort, the CM told about the Centre giving in-principle approval to this project during today’s meeting. He also told about the assurance given by Dr. Sharma in today’s meeting regarding clearing any project proposal coming to his ministry from Maharashtra. In all there are 336 forts in Maharashtra, out of which more than 40 forts come directly under the ASI under the Central government. The State Government has decided to restore and beautify 18 forts out of these. Apart from forts, the Centre has also assured to extend help for restoration and beautification of various historical caves in the state, told Fadnavis.

                 Fadnavis also called on Minister for Environment Anil Dave and discussed the issue of redevelopment of slums in CRZ in Mumbai. Speaking to media persons, the CM made it clear that he also discussed with Prime Minister various issues of the state including permissions for the proposed coastal road project and the slum redevelopment in CRZ in Mumbai. Fadnavis informed that he apprised Prime Minister Modi of recent elections held in various municipal corporations and Zilla Parishads. He told that since there was no redevelopment of even a single slum despite the formula of 51 : 49, the CRZ slum issue needs an alternative. He informed that Nair committee was also appointed on the same and he told that he requested Union Minister for Environment and Forests to immediately take a decision on Nair committee report. He said that a meeting has been convened on March 4'th so that a decision could be made in this regard. 

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मुंबईच्या सागरी मार्गासंबंधी अंतिम अधिसूचना महिन्याभरात : मुख्यमंत्री फडणवीस



नवी दिल्ली, दि. 28 : मुंबईच्या सागरी मार्गासंबंधीत सीआरझेडची अंतिम अधिसूचना महिन्याभरात निघेल, अशी माहिती मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस यांनी आज येथे दिली.
केंद्रीय पर्यावरण, वने व हवामान बदल (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री अनिल दवे यांच्या अध्यक्षतेत येथील इंदिरा पर्यावरण भवनात आज बैठक आयोजित करण्यात आली. यावेळी महाराष्ट्राचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री सचिवालयाचे अपर मुख्य सचिव प्रवीण कुमार परदेशी, पर्यावरण विभागाचे अतिरीक्त मुख्य सचिव सतीश गवई, ब्रृहन्ममुंबई महानगरपालीकेचे आयुक्त अजोय मेहता, अतिरीक्त आयुक्त (प्रकल्प) संजय मुखर्जी, वने (महसुल व वन) विभागचे सचिव विकास खारगे, राजशिष्टाचार व गुंतवणुक आयुक्त लोकेश चंद्र, सीडकोचे सहव्यवस्थापक प्राजक्ता लंवगारे-वर्मा यांच्यासह केंद्रातील पर्यावरण व वने विभागाचे सचिव  उपस्थित होते.
सागरी किनारी नियामक क्षेत्राविषयीचा अंतिम मंजुरीचा प्रस्ताव राज्याकडून केंद्राकडे आलेला आहे. याबाबत केंद्राकडून अंतिम अधिसूचना महिन्याभराच्या आत निघणार असल्याचे श्री फडणवीस म्हणाले. मुंबईच्या दक्षिण भागातील कामांच्या निवदा काढण्यात येतील. यापुर्वी वेगवेगळे अधिुसूचना काढून विविध परवानग्या देण्यात आल्या होत्या. आता यासदंर्भातील अंतिम अधीसूचना महिन्याभरात काढण्यात येणार आहे.  
मुंबईतील सीआरझेडमधल्या झोपडपट्टयांचे पुर्नविकासासाठी 51 :49 असे प्रमाण निश्चीत करण्यात आले होते. मात्र या झोपडपट्टयांचा पुर्नविकास मागील काही वर्षात होऊ शकला नाही. कारण समप्रमाणाचा घेतलेला निर्णय व्यवहारीक नव्हाता, त्यावर नाईक समितीने अहवाल दिला आहे. यावर केंद्र शासनाने लवकर निर्णय घ्यावा, जेणे करून झोपडपट्टीचा पुर्नविकास करण्यात येईल, अशी मागणी आजच्या बैठकीत करण्यात आली. याविषयची महत्वपुर्ण बैठक 4 मार्चला होणार आहे.
विदर्भातील झुडपी जंगल जमीन ही महसूली क्षेत्रात यावी

विदर्भातील नागपूर, वर्धा, भंडारा, चंद्रपूर, गडचिरोली, गोंदिया या सहा जिल्ह्यात असणा-या झुडूपी जंगल जमीनाचा वापर आधीच महसूली क्षेत्रासाठी झालेला आहे. मात्र, अद्याप या जमीनीची नोंद ही कागदपत्रात झुडपी जंगल म्हणूनच आहे. ही नोंद बदलण्यात यावी. झुडपी जंगल जमीनचा पट्टा हा 90 हजार हेक्टरचा आहे. त्याला कमी करून तो 50 हजार हेक्टरचा करण्यात यावा, अशी मागणीही या बैठकीत करण्यात आली.  यासह झुडपी जंगल जमीन असे लिहीलेल्या सात बारामध्ये बदल करण्याचे अधिकार देण्यात यावे अशी मागणी, आजच्या बैठकीत करण्यात आली. याविषयावरही मार्ग काढण्यात येणार असल्याचे श्री दवे यांनी बैठकीत सांगितले.
अरबी समुद्रात वाहणाऱ्या प्रदुषीत जलाबाबत ठोस उपाययोजना आखावी
अरबी समुद्रात वाहणा-या प्रदुषीत जलाबाबत केंद्र शासनाच्या पर्यावरण विभागाने ठोस उपाययोजना आखावी, अशी सूचना महाराष्ट्राचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी आजच्या बैठकीत केली.
मुंबईतील वाढती लोकसंख्या पाहता मालडच्या सीवरेजमधून दररोज 25 लाख लोकांचे मल व अन्य प्रदुषीत जल नित्सारन होते त्यामुळे भविष्यात मोठी समस्या निर्माण होऊ शकते. यसाठी केंद्राने ठोस उपाययोजना आखावी, अशी सूचना मुख्यमंत्री श्री फडणवीस यांनी  बैठकीत  केली.
केंद्र शासनाने अंर्तेदेशीय वाहणा-या नदयाबाबत ज्याप्रमाणे  ठारावीक मार्गदर्शीका निर्धारीत केली आहे, त्याच प्रमाणे समुद्रात वाहणा-या प्रदुषित जलाबाबतही मार्गदर्शीका ठरवावी, अशी चर्चा बैठकीत झाली. यावर केंद्र शासनातर्फे योग्य कारवाई करण्याचे आश्वसन दिले.
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय विमानतळाबाबतच्या अटीशर्थी लवकरच पूर्ण होतील

नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय विमानतळाबाबत काही थोडया अटीशर्थीत झालेले बदल पूर्ण करून देण्यात यावे, असे केंद्र शासनाच्या पर्यावरण विभागाकडून बैठकीत सांगण्यात आले. या अटीशर्थी दिलेल्या ठराविक पद्धतीतने भरून पाठवीण्यात येतील असे, सीडकोच्या सह व्यवस्थापक श्रीमती लवंगारे-वर्मा यांनी यावेळी सांगितले.
निर्धारित दिवशी ध्वनी मर्यादा वाढविण्याबाबत जिल्हाधिकां-यांना अधिकार प्रदान करावे
वर्षभरातून 15 दिवस ध्वनी मर्यादा वाढविण्याबाबतचा केंद्र शासनाचा शासन निर्णय आहे. यानुसार राज्यात होणा-या मोठया उत्सवासाठी राज्य शासन ध्वनी मर्यादेची परवानगी वाढवून देते. मात्र, असे करीत असतांना ही परवागनी त्या-त्या स्थानीक ठीकाणांच्या कार्यक्रमापुरती मर्यादीत राहत नसून ही राज्यभर दयावी लागते. त्यामुळे या नियमात बदल करून स्थानीक उत्सवाचे महत्व जाणुन जिल्हाधिकां-याना ध्वनी मर्यादा वाढविण्यासंदर्भात अधिकार प्रदान करण्यात यावे. यासह 15 दिवसांची मर्यादा वाढवून ती 25 दिवस करण्यात यावी अशी, मागणी राज्य शासनाने केली असून जूलैपुर्वी यासंदर्भात निर्णय घेण्यात यईल, असे बैठकीत ठरले.
 ‘समुदाय निर्सग संवर्धनयोजना व्याघ्र प्रकल्पात राबवाण्याबाबत मंजूरी मिळावी
राज्यात सर्वाधिक व्याघ्र प्रकल्प आहेत. हे प्रकल्प ज्या जंगल भागात आहेत तीथे छोटया-छोटया  नागरी वस्तीची वसाहत देखील आहे.  जेव्हा हा व्याघ्र प्रकल्प ओलांडून वाघ दूस-या व्याघ्र प्रकल्पात जातो त्यावेळी त्याला मनुष्य वस्तीतूनच जावे लागते अशा वेळी मानवी समुदयाशी प्राण्यांचा संपर्क होऊन हानी उद्भवते ही हानी टाळण्यासाठी या मानवी वस्तीतीचे कुपंनीकरण करून येथे येणा-या पर्यटकांना कमी दरात येथे सोयी-सुविधा उपलब्ध करून दिल्यास स्थानीकांना रोजगार मिळेल आणि पर्यटकांना पर्यटनाचा आनंद लुटता येईल. असा प्रयोग अन्य देशात झालेला आहे. या बाबत केंद्रीय पर्यावरण विभागातून काही पर्यावरण स्वीकरूती मिळणे गरजेचे असल्याचे या बैठकीत मांडले गेले, यावर केंद्रीय मंत्री श्री दवे यांनी लवकरच तोडगा काढण्यात येईल असल्याचे सांगितले.
नागपूरातील गोरेवाडा प्राणीसंग्रहलयासाठी गैर-वन-जमीन लवकरच निर्धारित होईल
बहुप्रतीक्षित नागपूरातील गोरेवाडा प्राणीसंग्रहलयासाठीची जंगल जमीन गैर-वन-जमीनसंदर्भात आजच्या बैठकीत चर्चा झाली. याबाबतचा प्रस्ताव केंद्राकडे पाठविण्यात आला आहे. या ठीकाणी प्राणीसंग्रहलय तसेच खुली सफारी बनविण्याचा मानस राज्य शासनाचा आहे. यासाठी केंद्राकडून किती जागा दिली जाईल याबाबत अद्याप निर्णय घेण्यात आलेला नाही. तो लवकर घेतल्यास प्राणीसंग्राहलयाच्या कामास गती मिळेल. हा विषय मोठा असून या याविषयांवर आणखी सविस्तर चर्चा करण्यासाठी विशेष बैठक लवकरच आयोजित केली जाणार असल्याचे, केंद्रीय मंत्री श्री दवे यांनी यावेळी सांगितले.


रायगड किल्याच्या संवर्धनासाठी ६०० कोटींना केंद्राकडून तत्वत: मंजुरी - देवेंद्र फडणवीस










नवी दिल्ली, २८ : छत्रपती शिवाजी महाराजांची राजधानी असणा-या रायगड किल्याच्या संवर्धन व सौंदर्यीकरणासाठी राज्य शासनाने आखलेल्या ६०० कोटींच्या सविस्तर प्रकल्प अहवालास केंद्राकडून तत्वत: मंजुरी देण्यात आली. रायगडसह राज्यातील शिवकालीन गड-किल्यांच्या संवर्धन व सौंदर्यीकरण कार्यास लवकरच सुरुवात होणार असल्याची माहिती मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी आज दिली.
रायगडसह राज्यातील गड-किल्ले व प्रसिध्द गुहांच्या संवर्धन व सौंदर्यीकरण कार्यात येणा-या अडचणीवर मार्ग काढण्यासाठी आज केंद्रीय पर्यटन व सांस्कृतिक मंत्री डॉ. महेश शर्मा यांच्या अध्यक्षतेत परिवहन भवन येथे आयोजित बैठकीनंतर श्री. फडणवीस बोलत होते. केंद्रीय भूपृष्ठ वाहतूक व जहाजबांधणी मंत्री नितीन गडकरी, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालयाचे सचिव एन.के.सिन्हा, सांस्कृतिक मंत्रालयाचे सचिव विनोद जोशी, पुरातत्व सर्वेक्षण विभागाचे महासंचालक डॉ. राकेश तिवारी , मुख्यमंत्री सचिवालयाचे अपर मुख्य सचिव प्रविण परदेशी, पर्यटन व सांस्कृतिक कार्य विभागाच्या प्रधान सचिव वल्सा नायर सिंह आणि कोकण विभागाचे विभागीय आयुक्त प्रभाकर देशमुख या बैठकीस उपस्थित होते.
मुख्यमंत्री म्हणाले, शिवकालीन गड-किल्यांशी राज्यातील जनतेच्या भावना खोलवर जुळल्या आहेत. या गड-किल्यांचा ऐतिहासिक वारसा पर्यटनाच्यादृष्टीने महत्वाचे माध्यम असल्याने त्यांचे संवर्धन व सौंदर्यीकरण करण्यासाठी राज्य शासनाने पुढाकार घेतला आहे. रायगड किल्याच्या संवर्धन व सौंदर्यीकरणासाठी राज्य शासनाने ६०० कोटी रूपयांचा सविस्तर प्रकल्प अहवाल केंद्राकडे सादर केला त्यास आजच्या बैठकीत मंजुरी देण्यात आल्याचे मुख्यमंत्री फडणवीस यांनी सांगितले.
राज्यातील गड-किल्यांचे संवर्धन व सौंदर्यीकरण करण्यासाठी केंद्रशासनाच्या अखत्यारीतील पुरातत्व सर्वेक्षण विभागाकडून आवश्यक असणारी मंजुरी आणि पर्यटन व सांस्कृतिक मंत्रालयाकडून आर्थिक मदत मिळणे गरजेचे आहे. आजच्या बैठकीत केंद्राकडून आवश्यक मदतीची मागणी करण्यात आली त्यास डॉ. महेश शर्मा यांनी सहमती दर्शविली. राज्य शासनाला या कामी विशेष अधिकार देण्यात येतील. तसेच, राज्याकडून केंद्रीय पर्यटन व सांस्कृतिक मंत्रालयाकडे आलेल्या कोणत्याही प्रकल्पासंदर्भात २ आठवडयाच्या आत निर्णय घेण्यात येणार असे आश्वासनही या बैठकीत डॉ. शर्मा यांनी दिल्याचे मुख्यमंत्री म्हणाले. 
रायगड किल्याचे संवर्धन आणि किल्यावर पर्यटक व शिवप्रेमींसाठी आवश्यक असणा-या सोयीसुविधा उपलब्ध करून देण्यासाठी राज्यशासनाने सविस्तर आरखडा तयार केला. या आरखडयाचे सादरीकरण आजच्या बैठकीत करण्यात आले. यात रायगड किल्यावरील चित्ता दरवाजा, नाना दरवाजा, खुबल्दा बुर्ज , महादरावाजा आदींचे संवर्धन व जिर्णोध्दार करणे. तसेच, पर्यटक व शिवप्रेमींना रायगडावर पोहचण्यासाठी मजबूत पायवाटा निर्माण करणे, स्वच्छतागृह, पिण्याचे पाणी आदी महत्वाच्या सोयी उपलब्ध करून देणे, जलसंवर्धन करणे या बाबींचा समावेश आहे. पाचड येथील राजमाता जिजाऊ समाधी व जिजामाता वाडा यांच्या संवर्धन व जिर्णोध्दाराचे कार्य तथा याठिकाणी पर्यटकांसाठी आवश्यक सोयी उपलब्ध करून देण्यासंदर्भात राज्य शासनाने आखलेल्या आराखडयाचे सादरीकरण करण्यात आले. सिंधुदुर्ग जिल्हयातील सिंधुदुर्ग किल्ला(मालवण किल्ला), रायगड जिल्हयातील एलिफंटा द्विप, विदर्भातील बुध्दीष्ट सर्कीट विकास कार्याबाबत यावेळी चर्चा झाली. 
राज्यात एकूण ३३६ गड- किल्ले असून ४० पेक्षा जास्त गड-किल्ले हे केंद्रशासनाच्या पुरातत्व सर्वेक्षण विभागाच्या अख्त्यारीत येतात. यातील १८ किल्यांच्या संवर्धन व जिर्णोध्दाराचे कार्य राज्य शासनाने हाती घेतले आहे. 
 गड किल्यांसह राज्यातील ऐतिहासिक वारसा लाभलेल्या अंजिठा, वेरुळ आणि एलिफंटा गुंफाच्या ठिकाणी आवश्यक सोयी सुविधा पुरविण्यासाठी केंद्र शासनाच्यावतीने आवश्यक मदत पुरविण्यात येणार असल्याचे डॉ. शर्मा यांनी याबैठकीत सांगितल्याचे मुख्यमंत्री म्हणाले.

CM Maharashtra talked with Media at New Delhi on 28.02.2017

CM Maharashtra talked with Media at New Delhi on 28.02.2017

CM Maharashtra talked with Media at New Delhi on 28.02.2017

CM Maharashtra talked with Media at New Delhi on 28.02.2017

Monday 27 February 2017

भाषा अनुवादाच्या चळवळीची गरज ज्ञानेश्वर मुळे





                                                                          
नवी दिल्ली, २७ : मराठी भाषा विकासाबरोबरच या भाषेला वैश्विकता प्राप्त करून देण्यासासठी अनुवादाची चळवळ उभारण्याची गरज असल्याचे मत परराष्ट्र व्यवहार सचिव तथा लेखक ज्ञानेश्वर मुळे यांनी  व्यक्त केले.               
महाराष्ट्र परिचय केंद्रात आज मराठी भाषा गौरव दिनानिमित्त श्री. मुळे यांचे व्याख्यान आयोजित करण्यात आले त्यावेळी ते बोलत होते.परिचय केंद्राचे उपसंचालक दयानंद कांबळे यांनी श्री. मुळे यांचे पुष्पगुच्छ देऊन स्वागत केले.
            यावेळी श्री. मुळे म्हणाले, मराठी भाषेला संपन्न पार्श्वभूमी आहे. संतांनी, कवी-साहित्यिकांनी आणि विविध लोक परंपरांनी मराठी भाषा समृध्द केली व तिच्या विकासात मोलाचे योगदान दिले. मराठी भाषेला  वैश्विक बनविण्यासाठी अन्य देशात मराठीबाबत होत असलेल्या अभ्यासाला चालना देण्याची गरज आहे. मराठी भाषा विकासाबरोबरच या भाषेला वैश्विकता प्राप्त करून देण्यासासठी अनुवादाची व्यापक चळवळ उभारावी लागेल असे श्री. मुळे म्हणाले. या माध्यमातून मोठया प्रणामात भाषिक व्यवहार होईल व रोजगाराच्या संधी  उपलब्ध होईल असा विश्वासही त्यांनी व्यक्त केला.
सध्या संगणक, शास्त्रीय संशोधन मराठी भाषेत होऊन त्याला वैश्विक स्वरूप प्राप्त होण्याची गरज आहे, त्यासाठी प्रत्येक मराठी माणसाने प्रयत्न करण्याची गरज असल्याचे श्री. मुळे म्हणाले. जपानमध्ये तेथील जनतेने मातृभाषेत संशोधनाला प्राधान्य दिल्याने जपानी भाषेची वैश्विक पातळीवर दखल घेतल्याचेही  त्यांनी नमूद केले.
           
                           देश-विदेशातील  विद्यापीठात मराठी भाषेचा अभ्यास व्हावा    
भारतातील विविध विद्यापीठात मराठी भाषा अध्यासन उभारून या भाषेतील लोक संस्कृती व अन्य संपन्न परंपरांचा अभ्यास होण्याची गरज आहे. ही चळवळ जागतिक पातळीवरही राबवावी लागेल जागतिकस्तरावर निवडक २५-३० विद्यापीठांत मराठी  भाषेचे अध्यासन उभारून या भाषेवर अभ्यास व्हावा त्यास शासन व जनतेनेही मदत करावी असे श्री. मुळे म्हणाले.
            जगभरातील विविध भाषा सवंर्धनासाठी दरवर्षी युनोस्कोच्यावतीने २१ फेब्रुवारी रोजी साजरा करण्यात येणारा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिन, त्यामागील पार्श्वभूमी आणि उद्देश याविषयी श्री. मुळे यांनी मार्गदर्शन केले. मराठीतील उत्तुंग व्यक्तीमत्वाचे साहित्यिक वि.वा.शिरवाडकर यांच्या रचनांमधील सौंदर्यदृष्टी आणि सामाजिक जाणीवा याविषयी त्यांनी उपस्थितांना मार्गदर्शन केले. यावेळी वि.वा.शिरवाडकरांच्या पृथ्वीचे प्रेमगीत, कोलंबसाचे गर्वगीत आदी कवीतांच्या ओळी उदधृत करून त्यातील भावार्थही श्री. मुळे यांनी उपस्थितांसमोर मांडला.
            परराष्ट्र सेवेत असूनही मराठी भाषेत लिखान करण्याचा अभिमान असल्याचे श्री. मुळे म्हणाले. मराठी भाषा आणि आपली जन्मदात्री आई यांच्याशी असलेली घट्ट नात्याची विन मराठी भाषेतील लिखानाने आणखी घट्ट होत असल्याचेही त्यांनी यावेळी सांगितले.            
            यावेळी उपसंचालक दयानंद कांबळे यांनी  प्रास्ताविकात, महाराष्ट्र शासनाच्यावतीने साजराकरण्यात येणा-या मराठी भाषा गौरव दिनाची संकल्पना सवीस्तरपणे मांडली उपसंपादक रितेश भुयार यांनी कार्यक्रमाचे सूत्रसंचालन केले तर   माहिती अधिकारी अंजू निमसरकर –कांबळे यांनी  आभार मानले.   
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'मराठी भाषा गौरव दिन 2017' : महाराष्ट्र परिचय केंद्र, नवी दिल्ली

'मराठी भाषा गौरव दिन 2017' : महाराष्ट्र परिचय केंद्र, नवी दिल्ली

'मराठी भाषा गौरव दिन 2017' : महाराष्ट्र परिचय केंद्र, नवी दिल्ली

Thursday 23 February 2017

लेखकांनी स्वास्थ्यहारक लेखन करावे ; आसाराम लोमटे











                                                                
                                                                                                                      
नवी दिल्ली, २३ : लेखकांनी समाजातील विविध घटकांच्या वेदनेला वाचा फोडणारे आणि वाचकांच्या मनात प्रश्न निर्माण करणारे स्वास्थ्यहारक लेखन करावे,असे आवाहन प्रसिध्द लेखक व साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त साहित्यीक आसाराम लोमटे यांनी आज केले.
            मराठी भाषेतील उत्तम लेखनासाठी साहित्यातील सर्वोच्च पुरस्कार म्हणून ओळख असणारा साहित्य अकादमी पुरस्कार आसाराम लोमटे यांना गुरुवारी  प्रदान करण्यात आला. यानिमित्ताने महाराष्ट्र परिचय केंद्रात श्री. लोमटे यांचा सत्कार  करण्यात आला यावेळी ते बोलत होते. परिचय केंद्राचे उपसंचालक दयानंद कांबळे यांनी  श्री. लोमटे  यांचा शाल,श्रीफळ व पुष्पगुच्छ देऊन सत्कार केला. यावेळी समिक्षक रणधिर शिंदे यांचाही पुष्पगुच्छ देऊन सत्कार करण्यात आला. 
            यावेळी श्री. लोमटे  म्हणाले, वेगाने होत असलेल्या परिवर्तनात ग्रामीण आणि शहरी जीवनातील सिमारेषा धुसर होत चालली आहे. नेमका हाच धागा पकडून ग्रामीण भागातील जीवन लेखनबध्द  करण्याचा आपण प्रयत्न करीत आहोत. आजकाल जाहीरातींच्या भडीमाराने स्वास्थ्यकारक आयुष्य जगण्याची माहिती देणारे उत्पादन बाजारात आली आहेत. अशात, सर्व सामान्यांच्या वेदनेला वाचा फोडणारे आणि वाचकांच्या मनात असंख्य प्रश्न उपस्थित करणारे स्वास्थ्यहारक लेखन व्हावे असे श्री. लोमटे म्हणाले .
              समाजव्यवस्थेत होरपळून निघालेल्या सर्व सामान्य जनतेचे सुख, दु:ख,आशा, स्वप्न आपल्या साहित्याच्या माध्यमातून मांडण्याचा प्रयत्न करीत असल्याचे श्री. लोमटे सांगतात. दुर्लक्षीतांचे जगणे हीच आपल्या लेखनाची प्रेरणा असल्याचे ते सांगतात. आलोक या आपल्या कथा संग्रहाच्या माध्यमातून मराठी भाषेतील कथा या साहित्य प्रकाराला तिस-यांदा साहित्य अकादमी पुरस्कार मिळत असल्याचे सांगतानाच भास्कर चंदनशीव, भाऊ पाध्ये, बाबुराव बागुल आणि समकालीन लेखक जयंत पवार हे आपले आवडते कथाकार असल्याचे ते सांगतात. मराठीतील कथा आता बहुमुखी झाल्याचे त्यांनी सांगितले. साहित्य अकादमीच्या पुरस्काराने आंनद होत असून वाचकांनी माझ्या लेखनाला दिलेला प्रतिसादही मला पुरस्कारवत असल्याचे श्री. लोमटे यांनी सांगितले.
            समिक्षक रणदीप शिंदे यांनी यावेळी , श्री. लोमटे यांच्या आलोक या कथा संग्रहातील होरपळ या कथेचे कथानक आणि लेखकाने जात,गावगाडा,कुटुंब अशा विविध पैलुंनी केलेला कथेचा विस्तार आदींबाबत विश्लेषण केले.             
            यावेळी उपसंचालक दयानंद कांबळे प्रास्ताविकात म्हणाले, मातीशी जुळलेले लेखन करण्याची दिर्घ परंपरा मराठवाडयातील साहित्यिकांनी निर्माण केली असून श्री. लोमटे यांनी यात मोलाचे योगदान दिले आहे. श्री. लोमटे यांच्या लिखनातून ग्रामीण भागातील वास्तव जीवन प्रकट  होते. साहित्य अकादमीच्या पुरस्काराने श्री. लोमटे यांच्या साहित्याची देशपातळीवर दखल घेतल्यागेली आहे याचा अत्यानंद होत असल्याचे त्यांनी सांगितले. माहिती अधिकारी अंजू निमसरकर –कांबळे यांनी कार्यक्रमाचे सूत्रसंचालन केले तर उपसंपादक रितेश भुयार यांनी आभार मानले.   

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Wednesday 22 February 2017

आसाराम लोमटे यांना साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान


नवी दिल्ली, दि. 22 : ग्रामीण शैलीच्या लिखाणासाठी प्रसिद्ध असलेले लेखक व पत्रकार आसाराम लोमटे यांना त्यांच्या आलोक या लघुकथा संग्रहासाठी वर्ष 2016 चा साहित्य अकादमी पुरस्कार आज प्रदान करण्यात आला.
येथील कमानी सभागृहात साहित्य अकादमी 2016 च्या पुरस्कार सोहळयाचे आयोजन आज करण्यात आले. कार्यक्रमाचे मुख्यअतिथी भौतिक शास्त्रज्ञ तसेच मराठी लेखक जयंत विष्णु नारळीकर, साहित्य अकादमीचे अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, साहित्य अकादमीचे उपाध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार, सचिव के. श्रीनिवासराव तसेच साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेते मंचावर उपस्थित होते.
आसाराम लोमटे यांना  त्यांच्या आलोक या लघुकथा साहित्यासाठी मराठी भाषेतील सर्वोत्कृष्ट पुस्तक म्हणुन साहित्य अकादमी पुरस्काराने पुरस्कृत करण्यात आले.आलोक या लघुकथेमध्ये  महाराष्ट्रातील  ग्रामीण जीवनशैली मांडली आहेत. ग्रामीण भागातील जीवनशैलीमध्ये आलेले व्यापक परिवर्तन हे सशक्त तसेच वस्तुनिष्ठरीत्या आलोकमध्ये प्रस्तुत केलेले आहे. यामध्ये गावातील लोकभाषा  स्थानीक परपंरा अतिशय अलगदपणे मांडली आहे. यासह ग्रामीण लोकांना येणा-या जटीलतेविषयीही सांगण्यात आले आहे.
आसाराम लोमटे यांचा जन्म महाराष्ट्रातील गुगळी धमनगांव येथे झाला. मराठी साहित्यात त्यांनी पदवीत्तोर तथा डॉक्टरेट  पुर्ण केले आहे. सध्या ते मराठीतील लोकसत्ता या प्रथीतयश वर्तमानपत्रात पत्रकार म्हणुन कार्यरत आहेत.  श्री लोमटे यांचे  इडा पिडा टळो, आलोक, धूळपेर हे तीन लघुकथा संग्रह प्रकाशीत झाले आहेत. त्यांच्या लिहीलेल्या कथा या पुणे विद्यापीठ, शिवाजी विद्यापीठ, स्वामी रामानंद तीर्थ विद्यापीठातील अभ्यासक्रमात आहेत.  
श्री लोमटे यांना  महाराष्ट्र फाउंडेशनचा ग्रंथ गौरव,  पद्मश्री विट्ठलराव विखे पाटिल साहित्य पुरस्कार, भैरव रतन दमानी पुरस्कार, महाराष्ट्र साहित्य परिषदचा जी.एल. ठोकळ पुरस्कार, पा.वा. गाडगीळ पुरस्कार आणि  मानवी हक्कवार्ता पुनस्काराने सन्मानित केलेले आहे.

यासह इंग्रजी भाषेतील साहित्य प्रकारासाठी मुंबईतील जेरी पिंटो यांनाही सन्मानित करण्यात आले. ते परेदशात असल्यामुळे त्यांच्यावतीने त्यांच्या प्रकाशकाने हा पुरस्कार स्वीकारला, जेरी पिंटो यांच्या एम एण्ड द बीग हुम या कादंबरीसाठी पुरस्कृत करण्यात आले. ही कादंबरी एक कुटूंबातील चार सदस्यांवरील व्यक्तींरेखांवर आधारीत असून यामध्ये आईची अत्याधिक अस्थिर मानसिक स्थिती मांडलेली आहे.

अनेकएकया गुजराती भाषेतील विविध विषयांवर आधारीत काव्य संग्रहासाठी मुंबईत राहणारे कमल वोरा यांनाही आज साहित्य अकादमी पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले.

कोंकणी भाषेतील काळें भांगार कादंबरीसाठी एड्वीन जे.एफ.डिसोजा यांना पुरस्कृत करण्यात आले. ही कादंबरी  खाड़ी देशातील तेल आक्रमणामध्ये फसलेल्या मंगळुरू आणि कुवैत  मध्यमवर्गीय कुंटूबावर आधारीत आहे.

देशातील २4 प्रादेशिक भाषांतील विविध साहित्य प्रकारात सर्वोत्कृष्ट पुस्तकांच्या लेखकांनाही आज पुरस्कृत करण्यात आले. 1 लाख रूपये रोख, ताम्रपत्र आणि शाल असे या पुरस्काराचे स्वरूप आहे. पुरस्कार प्राप्त साहित्यांमध्ये आठ काव्य संग्रह, सात लघुकथा संग्रह, पाच कांदबरी, दोन समिक्षा, एक निबंध यासह एक नाटक यांचा  समावेश आहे.


बायोमेट्रीक पध्दतीने धान्यवाटपातील तांत्रिक अडचणी लवकरच दूर करणार :रविशंकर प्रसाद




                                                                              
नवी दिल्ली, 22 : महाराष्ट्र शासनाच्या बायोमेट्रीक‍ पध्दतीने धान्य वाटप करण्याच्या महत्वाकांक्षी प्रकल्पातील तांत्रिक अडचणी लवकरच दूर करण्यात येतील असे आश्वासन केंद्रीय माहिती व तंत्रज्ञान मंत्री रविशंकर प्रसाद यांनी आज दिले. 
            राज्याचे अन्न व नागरी पुरवठा मंत्री गिरीश बापट यांनी येथील इलेक्ट्रॉनिक निकेतन येथे केंद्रीय माहिती व तंत्रज्ञान मंत्री रविशंकर प्रसाद यांची आज भेट घेतली यावेळी श्री प्रसाद यांनी हे आश्वासन  दिले. यासंदर्भात माहिती व तंत्रज्ञान मंत्रालयाच्या सचिवांसोबत महाराष्ट्र राज्याच्या वरिष्ठ अधिका-यांची तात्काळ बैठक बोलविण्यात येणार असल्याचे श्री. प्रसाद यांनी सांगितले.    
अन्न व नागरी पुरवठा विभागाच्यावतीने राज्यातील जनतेला बायोमेट्रीक पद्धतीने धान्यवाटप करण्याचा महत्त्वाकांक्षी प्रकल्प राबविण्यात येत आहे. या प्रकल्पाअंतर्गत आधार कार्ड क्रमांकाद्वारे लाभार्थ्यांची ओळख पटवून धान्य वाटप करण्यात येते त्यामुळे गैरव्यवहाराला आळा बसणार आहे. मात्र, या प्रकल्पाच्या अंमलबजावणीत तांत्रिक अडचणी येत असून या अडचणी दूर करण्याची मागणी श्री बापट यांनी श्री प्रसाद यांनी या बैठकीत केली.
श्री बापट म्हणाले, राज्यातील ५२ हजार स्वस्तधान्य दुकानांमध्ये यावर्षी ३१ मार्च पर्यंत ईपॉस मशीन बसविण्याचे उदिष्टय ठेवण्यात आले आहे. यासाठी आवश्यक सर्वरसह अन्य तांत्रिक सुविधा पुरविण्यासाठी केंद्राकडून मदत मिळावी अशी मागणी श्री. बापट यांनी याबैठकीत केली. तसेच, शिधा पत्रिका व्यवस्थापनात  (ईपीडीह) येणा-या  तांत्रिक अडचणी एनआयसी ( राष्ट्रीय माहिती केंद्र) द्वारे तातडीने दूर कराव्यात अशी मागणी श्री बापट यांनी केली.
राज्यात नागरी पुरवठा विभागाच्या कामात रोखरहित सुविधा (कॅशलेस ) उपलब्ध करुन देण्यासाठी माहिती व तंत्रज्ञान मंत्रालयाच्या वतीने आवश्यक मदत करण्यात यावी अशी मागणीही श्री बापट यांनी केली.

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