Wednesday, 8 March 2017

महिलाओं ने उनसे जुड़े कानूनों के बारे में जागरुक होना जरुरी : रहाटकर



नई दिल्ली ८: महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अधिकार से जुड़े विभिन्न कानून देश में मौजूद है, लेकिन उनमें इसके प्रति जागरुकता का अभाव है। इसलिए महिलाओं में उनके अधिकारों से जुड़े विभिन्न कानूनों के बारे में जागरुक होना जरूरी है, और इसके लिए राज्य महिला आयोग प्रयासरत है।
महाराष्ट्र सूचना केन्द्र की ओर से यहां कोपर्निकस मार्ग स्थित महाराष्ट्र सदन में बुधवार को अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर महाराष्ट्र सदन की निवासी आयुक्त एवं सचिव आभा शुक्ला, महाराष्ट्र सूचना केन्द्र उपनिदेशक दयानंद कांबले मौजूद थे। श्रीमती राहटकर ने कहा कि आज महिलाएं विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति तो हासिल कर रही है, वहीं दूसरी ओर महिलाएं अपने अधिकारों से वंचित होने का भी चित्र दिखाई दे रहा है। वजह यह है कि वे अपने अधिकारों से जुड़े कानूनों के बारे में जागरुक नही हैं।  इस विषयपर महिलाओं में जागरुक  होना समय की जरुरत है।
श्रीमती राहटकर ने आगे अपने संबोधन में राज्य महिला आयोग द्वारा महिलाओं में उनसे से जुड़े कानूनों के प्रति जानकार बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में छात्राओं को महिला सुरक्षा से संबंधित कानूनों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही आने वाले समय में सभी स्कूलों, सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में भी प्रशिक्षण शुरु करवाया जायेगा। उन्होने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा महिला सुरक्षा कानून के बारे में जारी विशाखा दिशा-निर्देशों का भी राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है।
महिलाओं द्वारा उनसे संबंधित योजनाएं तथा कानून के साथ स्व-अधिकारों के प्रति ज्ञान अर्जित करने की बात पर बल देते हुए, श्रीमती रहाटकर ने कहा कि आगे चलके लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए उन्हे अपने परिवार से ही ऐसा ज्ञान देने की शुरुआत होनी चाहिए। माताओं द्वारा ही कानूनों के बारे में अपने बच्चों का ज्ञान बढाया जाना चाहिए।
श्रीमती राहटकर ने राज्य की महिलाओं का जीवन स्तर सुधारने और उन्हे सम्मान दिलाने की दिशा में राज्य महिला आयोग द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि एसिड हमले की शिकार महिलाएं अपने पैरों पर खडी हो सके, इसलिए राज्य महिला आयोग प्रभावी कदम उठा रहा है। इन पीडित महिलाओं के  पुर्नवसन के लिए दी जा रही आर्थिक सहायता 3 लाख रूपयों से 5 लाख रुपये तक बढाई गई है.
कार्यक्रम की अध्यक्षा श्रीमती आभा शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाएं सक्षम होने पर ही वह सुरक्षित रह सकेंगी। अब समाज में परिवर्तन की शुरुआत हो चुकी है और महिलाएं अपने दम पर विभिन्न क्षेत्र में अपना अलग मुकाम हासिल कर रही है। महिलाओं की सफलता पर केन्द्रीत फिल्मों का निर्माण हो रहा है। साथ ही मीडिया में भी उनके उपर हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है। समाज में महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होने के लिए उनका आर्थिक रुप से सक्षम होने की बात पर उन्होने बल दिया।
आकाशवाणी की मराठी वृत्त विभाग की प्रमुख मृदुला घोडके ने इस मौके पर महिला शक्ति के मह्त्तव को दर्शाने वालेतू ही तूतू ही तू…’ गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम का समा बांधा।
महाराष्ट्र सूचना केन्द्र के उपनिदेशक दयानंद कांबले ने अपने उद्बोधन में देश में महिलाओं को समान अधिकार दिलाने के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले तथा डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के योगदान के बारे में अवगत कराया। इस मौके पर मौजूद दिल्ली की विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को गुलाब पुष्प और पामेला सरदार एवं ब्रजरंजन मनी संपादित सावित्रीबाई फुले के संर्घषमय जीवन में आधारित पुस्तक भेंट दिया गया। महाराष्ट्र सूचना केन्द्र की सूचना अधिकारी अंजू निमसरकर-कांबले ने कार्यक्रम का सूत्रसंचालन और आभार प्रदर्शन किया।         
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सूचना साथ छायाचित्र जोड़े है.


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