Tuesday, 13 June 2023
टिकाऊ कृषि ...समृद्ध किसान महाराष्ट्र सरकार के महत्तवपूर्ण निर्णय
महाराष्ट्र की सरकार ने 11 महिने सफलतापूर्वक पूरे कर राज्य के विकास को जलद गती से उंचाईयों पर लाया है. कुछ ही दिनों में सरकार को एक साल पूरा हो जाएगा. इन 11 महिनों में राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सक्षम नेतृत्व में विकास के क्षेत्रों में बहुत ही महत्तवपूर्ण निर्णय लिए हैं. कृषी क्षेत्र, किसान, बुनियादी सुविधाएं, नए प्रकल्प, नई परियोजनाएं, उद्योग, महिला व बाल कल्याण, जलसंपदा, परिवहन आदि क्षेत्रों में अहम निर्णय लिए हैं. आइए, एक संक्षिप्त नजर डालते हैं, महाराष्ट्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में लिए गए उल्लेखनीय निर्णयों की.
बळीराजा.. यानि की किसान...यानि कि अन्नदाता...राज्य का एक महत्वपूर्ण घटक है, रीढ की हड्डी है. महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के किसानों और मजदूरों के आर्थिक आधार को मजबूत करने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान उनके साथ मजबूती से खड़े होने के लिए कई सकारात्मक निर्णय लिए हैं। वित्तीय बजट 2023-24 में किसानों और मजदूरों के कल्याण हेतु पर्याप्त प्रावधान किया है।
राज्य सरकार न हमेशा प्रदेश के किसानों के हित में प्रगति के लिए कार्य किया है और कर रही है। किसानों को राहत एवं पुनर्वास, पशुपालन, सहकारिता एवं विपणन, जल संसाधन, जल संरक्षण जैसे विभिन्न विभागों के माध्यम से बळीराजा को मजबूत करने का कार्य कृषि विभाग के माध्यम से हो रहा है. राज्य सरकार किसानों को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही है। किसानों के हित में लिए गए निर्णयों पर डालते हैं एक नजर....
नमो शेतकरी सन्मायन निधि योजना राज्य द्वारा प्रति किसान 6 हजार रुपये 1.15 करोड़ किसान परिवारों को लाभ:
हाल ही में 9 मार्च 2023 को महाराष्ट्र के वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साल 2023-24 का बजट पेश किया। इस बजट में उन्होंने किसानों के लिए नमो शेतकरी महा सम्मान निधि योजना की घोषणा की। किसानों को “नमो शेतकरी महा सम्मान निधि योजना” के तहत 6,000 रुपये प्रति वर्ष मिलेंगे। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत, किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष मिलेंगे, इसके साथ ही, नमो योजना के तहत 6,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। अब किसानों को प्रति वर्ष 12 हजार रुपये मिलेंगे। जिसमें से 50% महाराष्ट्र राज्य सरकार और 50% केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। इसके तहत महाराष्ट्र में किसानों को ₹1000 प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इससे 1.15 करोड़ किसान परिवारों को लाभ होगा जिसके लिए राज्य सरकार ने 6,900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
किसानों के लिए अब केवल 1 रुपये का फसल बीमा: सरकार देगी 3312 करोड़ रुपये
राज्य के किसानों को अब सिर्फ 1 रुपये में फसल बीमा मिलेगा। वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बजट 2023 में ऐलान किया कि अब बची हुई रकम की किस्त राज्य सरकार देगी. इसके लिए लगभग 3312 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य में बेमौसम बारिश हो या भारी बारिश, किसानों की फसल काफी हद तक बर्बाद हो जाती है। इसलिए इस योजना के पीछे का उद्देश्य किसानों को तत्काल मुआवजा देकर उनकी मदत करनी है।
महाकृषि विकास अभियान 5 वर्ष में तीन हजार करोड़ रुपये प्रदान करेगा
राज्य के किसानों के लिए महाकृषि विकास अभियान चलाया जाएगा जिसमें फसलों की तथा फल फसल के घटकों के उत्पादन से लेकर मूल्यवर्धन तक परियोजना योजना तयार होगी. तहसीलों के लिए जिलेवार किसान समूह और एकल फसल पर आधारित समूह तैयार करेंगे इसके लिए सरकार पांच साल में तीन हजार करोड़ रुपये देगी।
2017 छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सम्मान योजना से शेष पात्र किसानों को लाभ मिलेगा छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सम्मान योजना के लिए मार्च माह में हुए बजट में 1 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। अतः शेष पात्र हितग्राही कृषकों को इस योजना में लाभ दिया जाएगा. छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सम्मान योजना तीन चरणों में लागू की गई है। अब तक डेढ़ लाख तक ऋण वापसी योजना, एक मुश्त निपटान एवं नियमित ऋण अदायगी प्रोत्साहन योजना लागू की जा चुकी है। जिन हितग्राहियों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है, उन्हें इस योजना के तहत, पात्र हितग्राहियों को यह लाभ दिया जायेगा तथा इसके लिये बजट में एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है ।
′मागेल त्याल शेततळे′ योजना के व्यापक विस्तार पर 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे
इस योजना का मतलब है.. जिसे जरूरत है तालाब की असे मुहैया कराया जाएगा. इसे अधिक पैमाने पर विस्तार किया जाएगा। इसके माध्यम से खेतों, बगीचों, ड्रिप सिंचाई के साथ-साथ खेतों की लाइनिंग, शेड नेट, ग्रीनहाउस, आधुनिक बुवाई मशीन, कपास श्रेडर आदि भी शामिल किया गया है। इस योजना पर 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
काजू बोंडुवर प्रसंस्करण केंद्र, काजू फल विकास योजना, 200 करोड़ का निवेश काजू बोर्ड
काजू फल को विकसित करने तथा इसकी उत्पादक क्षमता बढाने के लिए, विकास योजना के तहत, दो सौ करोड़ रुपये की पूंजी से कोंकण विभाग के लिए काजू बोर्ड गठित किया जाएगा. इस प्रक्रिया से काजू बोंडा (काजू का मूल हिस्सा) को काजू बोंडा को सात गुना कीमत मिलेगी. उत्पादक किसानों की आय बढ़ाने के लिए कोंकण में काजू बांड प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किया जाएगा। साथ ही कोंकण, चांदगढ़ और अजरा (कोल्हापुर) के लिए काजू फल विकास योजना भी लाई गई है, फलोत्पादन क्षेत्र के तहत, पांच वर्ष के लिए 1325 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
गोपीनाथ मुडे शेतकरी सुरक्ष सानुग्रह अनुदान योजना
अब तक गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा योजना, बीमा कंपनियों द्वारा लागू की जाती थी। लेकिन अब से गोपीनाथ मुंडे शेतकारी सुरक्षा संग्रह अनुदान योजना लागू की जाएगी और अब इसे राज्य सरकार के माध्यम से लागू किया जाएगा। पहले इस योजना के माध्यम से दुर्घटना पीड़ितों के परिवारों को एक लाख रुपये दिए जाते थे, लेकिन अब इस लाभ को बढ़ाकर दो लाख रूपये कर दिया गया है.
नागपुर कृषि सुविधा केंद्र और विदर्भ संतरा प्रसंस्करण केंद्र
नागपुर में डॉ.पंजाबराव देशमुख कृषि महाविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय कृषि सुविधा केंद्र स्थापित करने का महत्तवपूर्ण निर्णय लिया है. इसका उद्देश्य उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग और प्रसार करना होगा। इस केंद्र के लिए 228 करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा। साथ ही नागपुर जिले के मोर्शी एवं बुलढाणा जिले, नागपुर जिले के काटोल, कळमेश्वर एवं अमरावती जिलों में आधुनिक संतरा प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किये जायेंगे.
डॉ. पंजाबराव देशमुख प्राकृतिक खेती मिशन का दायरा बढ़ा
राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारने डॉ. पंजाबराव देशमुख प्राकृतिक खेती मिशन का विस्तार करने और पूरे राज्य में इसका दायरा बढ़ाने का फैसला लिया है। योजना को वर्ष 2027-28 तक बढ़ाया जाएगा। इस मिशन के तहत 1 हजार 83 करोड़ 29 लाख रुपये का वित्तीय प्रावधान और राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन और वृहद क्षेत्र प्रमाणन योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारों से 837 करोड़ 70 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। अब जबकि दायरा बढ़ा दिया गया है, अगले 3 वर्षों में राज्य के 25 लाख हेक्टेयर को प्राकृतिक कृषि के तहत लाया जाएगा। साथ ही 1000 जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
श्री अन्ना अभियान 200 करोड़ रुपये का प्रावधान
संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को 'बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष' घोषित किया है। इसके लिए 200 करोड़ रुपये की लागत से 'महाराष्ट्र श्री अन्न अभियान' शुरू किया गया है। उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी प्रसार, फसल प्रदर्शन, मशीनीकरण प्रक्रिया, मूल्य श्रृंखला विकास, प्रचार-प्रसार किया जाएगा। सोलापूर जिले में 'श्री अन्न एक्सीलेंस सेंटर' स्थापित किया जाएगा।
डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि महाविद्यालय एक अंतर्राष्ट्रीय कृषि सुविधा केंद्र स्थापित करेगा
कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में नवीनतम प्रौद्योगिकी के परिनियोजन और प्रसार के लिए डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि महाविद्यालय, नागपुर में एक अंतर्राष्ट्रीय कृषि सुविधा केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस केन्द्र के लिए 227.46 करोड़ रुपये का परिव्यय उपलब्ध कराया जाएगा।
हिगोली जिले में बालासाहेब ठाकरे ′हल्दी शोध एवं प्रशिक्षण केन्द्र′ की स्थापना
राज्य में हल्दी अनुसंधान एवं प्रसंस्करण नीति निर्धारित करने के लिए हिंगोली जिले में बालासाहेब ठाकरे हरिद्रा (हल्दी) अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की गई है। इस केंद्र के लिए 100 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराया गया है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना -2.0
इस योजना को 30 जिलों में 144 परियोजनाओं के तहत मंजूरी दी गई है और 5 लाख 65 हेक्टेयर और 186 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा, केंद्र ने 50 करोड़ 8 लाख और राज्य ने 33 करोड़ 39 लाख दिए हैं. महाराष्ट्र राज्य के लिए प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटरशेड विकास घटक 2.0 परियोजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार से दिशानिर्देश प्राप्त हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 4 जनवरी 2022 को रेजी की संचालन समिति की पहली बैठक में 61 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, 13 जनवरी 2023 आरईजीआई की संचालन समिति की दूसरी बैठक में 83 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। राज्य द्वारा कुल 144 प्रारंभिक परियोजना रिपोर्टों को मंजूरी दी गई है।
महाराष्ट्र में पिछले जून से अक्टूबर 2022 की अवधि में लगातार बारिश को प्राकृतिक आपदाओं के चलते फसलों का बहुत नुकसान हुआ है. जिससे किसानों की हालत खस्ता हो गई है. भारी बारिश की वजह से कृषि फसलों के नुकसानभरपाई के लिए सरकार ने अहम निर्णय लिए है और सहायता हेतु
अब तक 755 करोड़ 69 लाख रुपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है.
भारी बारिश और बाढ़ पीड़ितों को एनडीआरएफ सहायता की दोगुनी राशि और दो के बजाय तीन हेक्टेयर तक सीमा की मदद
माह जून से अक्टूबर 2022 तक राज्य में भारी बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ। राज्य सरकार ने लिए निर्णय के अनुसार प्रभावित लोगों को एनडीआरएफ सहायता की दोगुनी राशि देने तथा दो के स्थान पर तीन हेक्टेयर की सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया. इस फैसले से राज्य के सभी किसानों को बड़ी राहत मिली है. सरकार 62 लाख 60 हजार किसानों को फसल नुकसान के लिए 7093.19 करोड़ रुपये वितरित करेगी.
मार्च 2023 में हुई बेमौसम बारिश से हुए नुकसान भरपाई के लिए 177.80 करोड रुपये मदत
जिन किसानों की फसल मार्च माह में महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में बेमौसम बारिश के कारण खराब हुई है, उन्हें कुल मिलाकर, अमरावती, संभाजीनगर डिवीजन, पुणे डिवीजन और नासिक डिवीजन नामक चार डिवीजनों में 23 जिलों में ढाई लाख से अधिक किसानों को 177 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराया गया है। लगातार बारिश से हुए नुकसान के लिए 755 करोड़ की राशि बांटी गई है। अमरावती, नागपुर पुणे संभाग के 14 जिलों में भारी बारिश से प्रभावित किसानों को 222 करोड़ 32 लाख रुपये वितरित किए जा चुके है.
सोयाबीन पर कोन घोंघा से 5 जिलों में 0.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित.98.58 करोड़ रुपये राशी वितरीत
लातूर, उस्मानाबाद और बीड जिलों में शंख घोंघों के कारण कृषि फसलों को हुए भारी नुकसान के कारण प्रभावित किसानों को राज्य आपदा मोचन कोष से 98.58 लाख रुपये वितरित किए गए हैं.
केंद्र सरकार द्वारा एसडीआरएफ की राशि और मापदंड में संशोधन से आपदा प्रभावित किसानों को लाभ मिलेगा
केंद्र सरकार ने स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड के लिए मानदंड और दरों में संशोधन किया है और उन सुधारों को वर्ष 2025-26 तक लागू किया जाएगा.
मछुआरा भाइयों के लिए अहम निर्णय
मछुआरा परिवारों के कल्याण के लिए 50 करोड़ मत्स्य विकास निधि बीमा और डीजल सब्सिडी राहत परियोजना प्रभावित मछुआरों को मुआवजे की नीति लागू करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य है. इस परियोजना से विस्थापित या अस्थाई रूप से प्रभावित मछुआरा परिवारों को मत्स्य विकास निधि से परियोजना का 2 प्रतिशत अथवा 50 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान, मछुआरों को डीजल सब्सिडी के लिए मशीनीकृत नावों की 120 हॉर्स पावर की शर्त को हटाया. अत: 85 हजार से अधिक मछुआरों को लाभ. पारंपरिक मछली पकड़ने में लगे मछुआरा भाइयों के लिए केंद्र की मदद से 5 लाख का बीमा
लम्पी चर्मरोग के लिए आर्थिक मदत
पिछले साल महाराष्ट्र राज्य में लम्पी चर्मरोग से 18 हजार 432 पशुओं की मृत्यु हुई. सरकार ने पशुओं के नि:शुल्क टीकाकरण के लिए तत्काल धनराशि उपलब्ध कराई तथा जिन किसानों के पशुधन की हानि हुई, ऐसे किसानों के लिए 46 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का निर्णय लिया है. प्रत्येक जिले की जिला वार्षिक योजना कोष से कुल रू 102 करोड़ की मदत राशी सहायता से इस प्रकोप पर नियंत्रण हेतु उपलब्ध कराया गया है।
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अमरज्योत कौर अरोरा /13.06.2023
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