नई दिल्ली : मुगलों के राज में भारत कि
सामान्य जनता गुलाम थी ही, लेकिन यहां के राजे-रजवाडों ने
भी उनकी गुलामी को स्वीकार कर लिया था। ऐसे समय में शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की
स्थापना करने की शपथ ली और सामान्य लोगों में स्वराज्य की अलख जगाकर उनके माध्यम
से एक ऐसी व्यवस्था कायम की जो आज हमारे सामने स्वराज्य के रुप में दिखाई पड़ रही
है। यह बात मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने यहां कहीं।
राजधानी के लाल किले में राजा छत्रपती शिवाजी महाराज
गौरवगाथा महानाट्य का 6 से 10 अप्रैल तक मंचन हो रहा है। सोमवार को इस महानाट्य के
मंचन के अवसर पर मुख्यमंत्री फडणवीस बोल रहे थे। इस मौके पर महाराष्ट्र भूषण
शिवाशाहिर बाबासाहेब पुरंदरे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवाजी महाराज ऐसे योद्धा थे, जिन्होने अपनी वीरता के बल पर स्वराज्य की स्थापना की।
इतिहास में कई राजा हुए है, लेकिन अपने राज्य की जनता की
भलाई के लिए, पानी की व्यवस्था, पर्यावरण की व्यवस्था, सभा लोगों को न्याय मिले इसके लिए उन्होने ऐसे आदेश
पारित किए जो आज भी आर्दश है। ऐसे योद्धा
का जीवन चरित कुछ घंटों में पेश करना बड़ा कठीन कार्य है, लेकिन शिवशाहिर पुरंदरे इस महानाट्य के माध्यम से उनका
जीवनचरित लोगों के सामने प्रस्तुत करने का शिवधनुष्य पिछले कई सालों से संभाले हुए
है, ऐसा भी श्री फडणवीस कहा ।
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