Monday, 20 September 2021

कोरोना के खिलाफ महाराष्ट्र की मजबूत लड़ाई; देश में टीकाकरण में अग्रणी


 


           देश में विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी महाराष्ट्र राज्य ने  कोरोना  की वैश्विक महामारी का बहादुरी से सामना किया और इस संकट के दौरान स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत किया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ठोस नेतृत्व में महाराष्ट्र इस संकट का डटकर सामना कर रहा है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री समय-समय पर लोगों से सीधे संवाद कर, राज्य की जनता के अभिभावक की भूमिका निभाते रहे हैं और उनका हौसला बढ़ा रहे हैं. राज्य ने स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत किया है, जिससे मरीजों की संख्या में कमी आई है और ठीक होनेवाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. देश में टीकाकरण में भी अग्रणी भूमिका निभाते हुए महाराष्ट्र  विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टास्क फोर्स नियुक्त करके कोरोना  की संभावित तीसरी लहर को मात देने की तैयारी में जुटा है। यह लेख  कोरोना के प्रबंधन के लिए राज्य द्वारा की गई सफल कार्रवाई पर प्रकाश डालता है।

                 पिछले साल जब कोरोना का संक्रमण शुरू हुआ था, तब राज्य के पास पर्याप्त मात्रा में उपकरण, सुविधाएं नहीं थी. हालाँकि, बीते देड वर्ष में उपकरणों और सुविधाओं को बढाया गया है। कोविड केयर सेंटर, बेड,आईसीयू सुविधाएं, वेंटिलेटर, दवाएं, मास्क, ऑक्सीजन उपकरण जैसी सुविधाए राज्य ने खडी की हैं। इन सुविधाओं को बढ़ाते हुए तालाबंदी के साथ-साथ सख्त प्रतिबंध भी लगाए गए, जिसके परिणामस्वरूप मरीजों की संख्या नियंत्रण में आने लगी है। इस साल मार्च में राज्य में आयी कोरोना  की दूसरी लहर ने चुनौती को और बढ़ा दिया। खासकर, ऑक्सीजन मिलने में  कठिनाइयों का सामना करना पडा। हालांकि, राज्य ने तुरंत 'मिशन ऑक्सीजन' शुरू किया. इसके तहत प्रति दिन 1,300 मेट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है गौरतलब है की राज्य ने प्रतिदिन 3,000 मेट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा हैं। टीकाकरण के मामले में दोनों खुराक देने में महाराष्ट्र देश में पहले और अब तक कुल खुराक देने में दूसरे स्थान पर रहा  है।

राज्य में इस साल कोराना संक्रमण की दूसरी लहर की  शुरुआत में प्रतिदिन मरीजों की संख्या 60,000 के आस-पास थी। इससे निपटने के लिए उपचार सुविधाओं, ऑक्सीजन की उपलब्धता और संक्रमण की रोकथाम के लिए सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे।  जिसके परिणाम स्वरूप आज राज्य में कोरोना मरीजों की प्रतिदिन संख्या 3 से 4 हजार के  निचे आ गयी है । पहली लहर के दौरान राज्य सरकार द्वारा स्थापित सुविधाओं के अलावा इस बार नई उपचार सुविधाएं स्थापित की गई हैं.

                                        राज्य में उपलब्ध सुविधाओं पर एक नजर

          राज्य में 609 जांच प्रयोगशाला तथा 5,000 से ज्यादा कोविड केयर सेंटर हैं। अभी तक कोराना  संक्रमण को रोकने हेतु  6,959 उपचार संबंधित विविध सुविधाएं तैयार की गयी हैं, जिनमें 4,97,097 आइसोलेशन बेड (आईसीयू बेड को छोड़कर) शामिल हैं। इसमें 1 लाख 21 हजार ऑक्सीजन बेड है। राज्य में 36,702 आईसीयू बेड और 14,245 वेंटिलेटर हैं। 3 लाख 51 हजार 330 बेड कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। कोविड संदिग्ध मरीजों के लिए 1 लाख 27 हजार 721 आइसोलेशन बेड, 15 लाख 86 हजार 96 पीपीई किट तथा 26 लाख 18 हजार 860 एन95 मास्क अग्रिम पंक्ति के कर्मियों को उपलब्ध कराए गए हैं.

                                                            मिशन ऑक्सीजन  

         कोरोना मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन की अहमियत को ध्यान में रखते हुए राज्य में 'मिशन ऑक्सीजन' लागू किया गया है. प्रतिदिन 1300 मेट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है और इस क्षमता को बढ़ाकर 3000 मेट्रिक टन करने का लक्ष्य है। आवश्यक ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए राज्य के जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन के अवशोषण तथा वितरण (PSA) की  प्रणाली स्थापित की जा रही है। जून माह के अंत तक, लगभग 38 पीएसए संयंत्र चालू थे, जो प्रति दिन लगभग 53 मेट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन करते रहे है। प्रदेश में चीनी कारखानों, कागज, स्टील, पेट्रोलियम, उर्वरक, रिफाइनरी उद्योगों के माध्यम से ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हए महाराष्ट्रने दूसरे राज्यों से 350 मेट्रिक टन ऑक्सीजन ली  है.

                                                                     वित्तीय सहायता

          राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण के संकट से निपटने के लिए संबंधित व्यवस्था के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की। जिला योजना समितियों के माध्यम से कोरोना रोकथाम उपायों के लिए से 3,300 करोड़ रुपये प्रदान किए गए। प्रदेश के 350 विधायकों को उनके स्थानिय विकास कोष से कोरोना की रोकथाम के उपायों पर 350 करोड़ रुपये खर्च करने को मंजूरी दी। कोरोना संकट से निपटने के लिए राज्य के इस साल के बजट में स्वास्थ्य विभाग के लिए 8,955.29 करोड़ रुपये और चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए 1,941.64 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

                                              मरीज ठीक होने की दर 97.08 प्रतिशत

                   सितंबर माह के पहले सप्ताह तक राज्य में कोरोना मरीज ठीक होने की दर 97.08 प्रतिशत थी, जबकि देश में यह दर 97.48 प्रतिशत और विश्व में 89.48 प्रतिशत थी। राज्य में अब तक जांचे गए 5 करोड़ 60 लाख 88 हजार 114 प्रयोगशाला नमुनों में से 65 लाख 617 नमुनों का परीक्षण सकारात्मक आया है। इसकी तुलना में 63 लाख 9 हजार 21 मरीज इस बीमारी से ठीक होकर घर जा चुके हैं। राज्य में कोरोना मरीजों की मृत्यु दर 2.12  प्रतिशत है और इस बीमारी से अब तक 1 लाख 37 हजार 897 लोगों की मृत्यु हो चुकी है.

                                      टीकाकरण में अव्वल

              राज्य में कोरोना निवारक टीकाकरण ने गति पकड़ ली है। सितंबर के पहले सप्ताह तक प्रदेश के 1 करोड़ 76 लाख 45 हजार 855 नागरिकों को 1 खुराक देकर महाराष्ट्र देश में अव्वल बन गया है। केंद्र सरकार की ओर से वैक्सीन उपलब्ध होते ही राज्य ने एक दिन में 11 लाख से अधिक लोगों को टीका लगाने का रिकॉर्ड भी बनाया है। राज्य में 6 करोड़ 40 लाख 78 हजार 919 लोगों को पहली और दूसरी खुराक देने में महाराष्ट्र देश में दूसरे स्थान पर है।                                   

                     केंद्र सरकार से मिली वैक्सीन के मुताबिक राज्य में हर दिन करीब 3 से 4 लाख नागरिकों को टीकाकरण दिया जा रहा है । 18 से 44 वर्ष की आयु के बीच की 37.88 प्रतिशत आबादी को टीके की पहली खुराक दी गई है, जबकि 45 वर्ष से अधिक आयु के 55.24 प्रतिशत लोगों को कम से कम एक खुराक दी गई है। स्वास्थ्य कर्मियों , अग्रिम पंक्ति के कर्मि , 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और 18 से 44 वर्ष के बीच के नागरिकों  सहित कुल 64,078,919 लोगों को अब तक टीका लगाया जा चुका है।

        कोविड टास्क फोर्स की स्थापना ; 'माई डॉक्टर' चिकित्सा सम्मेलन का आयोजन

              महाराष्ट्र में कोराना प्रकोप के मद्देनजर , मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सक्षम नेतृत्व में राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजेश टोपे, संबंधित विभागों ने अथक प्रयास करना शुरू कर दिया है राज्य में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए मुख्यमंत्री श्री ठाकरे की संकल्पना के तहत विशेषज्ञ डॉक्टरों का 'टास्क फोर्स' गठित किया गया है। डॉ. संजय ओक इस टास्क फोर्स के अध्यक्ष हैं और डॉ. शशांक जोशी, डॉ. राहुल पंडित, डॉ.  अजीत देसाई आदी  सदस्य  के तौर पर शामिल हैं। छोटे बच्चों के लिए कोराना की तीसरी लहर खतरनाक होगी ऐसा चिकित्सा विशेषज्ञों का अनुमान है। इस संबंध में भी राज्य में बाल रोग विशेषज्ञों के एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है . डॉ सुहास प्रभु  इस १४ सदस्योंवाले  टास्क फोर्स के अध्यक्ष है। मुख्यमंत्री लगातार इन टास्क फोर्स के संपर्क में रहते हैं और इन टास्क फोर्स द्वारा समय-समय पर आयोजित चिकित्सा सम्मेलनों में भाग लेकर मार्गदर्शन करते रहते है।

                                    संभावित तीसरी लहर की तैयारी

                 टास्क फोर्स ने हाल ही में कोरोना  की संभावित तीसरी लहर को रोकने हेतु सभी उपायों पर 'माई डॉक्टर' नामक एक ऑनलाइन चिकित्सा सम्मेलन का आयोजन किया था। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में डॉक्टर, नर्स, पुलिस, दमकल कर्मी जैसे कोरोना योद्धा ही हथियार हैं. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि राज्य में अस्पताल प्रणाली  और दवाओं की उपलब्धता पर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाएगा। राज्य में दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है और मुख्यमंत्री ठाकरे राज्य की जनता सहित सभी एजेंसियों से तीसरी लहर से निपटने के लिए सतर्क रहने की बार बार अपील कर रहे  हैं।

                                            मुख्यमंत्री की अभिभावक की भूमिका

           राज्य में कोरोना का प्रकोप शुरू होने के बाद से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समय-समय पर अभिभावक की भूमिका में लोगों से रूबरू होते रहे हैं और उनका हौसला बढ़ाते रहे हैं. उन्होंने फेसबुक लाइव के माध्यम से समय-समय पर कोरोना काल में जनता से संवाद किया।  और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों की भी  जानकारी दी। वह राज्य के जनता को अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता की आदतों को अपनाने और कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए नियमों का पालन करने का भी निर्देश दे रहे हैं ।

            मुख्यमंत्री ने लोगों से संवाद में 'मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी है' और 'मैं जिम्मेदार हूं' जैसी अहम घोषणाएं कर राज्य में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए दो उपक्रमों की शुरुआत की. उन्होंने राज्य को कोरोना की स्थिती से उभरने में मदद करने के लिए इसी मंच पर 'मिशन बिगिन अगेन' और 'ब्रेक दि चेन' की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने 'ब्रेक दि चेन  प्रतिबंधों के दौरान लोगों को राहत देने के लिए 5,476 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। राज्य में इन कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन चल रहा है।

            इतिहास काल से ही विभिन्न संकटों को दूर करने में सक्षम महाराष्ट्र राज्य की महान परंपरा के अनुरूप राज्य सरकार कोरोना संक्रमण से निपट रही है। इस कडी में राज्य सरकार कोरोना संक्रमण से सफलतापूर्वक प्रतिरोध कर रही है और महामारी पर काबू पाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। बडे पैमाने पर राज्य मे सुविधाए स्थापित हो रही हैं तथा टीकाकरण कार्यक्रम का गती से कार्यान्वयन हो रहा हैं । साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण उपायों और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के माध्यम से संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार पुरी तरह से तैयार हो रही है।

             

हमारे ट्विटर हँडल को  फॉलो करे  http://twitter.com/MahaGovtMic

                                                            00000

रितेश भुयार, उपसंपादक,

महाराष्ट्र सूचना  केंद्र, नई दिल्ली.

 

No comments:

Post a Comment