भारतरत्न
लता मंगेशकर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय का उद्घाटन
लतादीदी के नाम पर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय से संगीत साधना का कार्य जोर-शोर से शुरू होगा-
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
नई दिल्ली , २९ :
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को
विश्वास व्यक्त किया कि लतादीदी के नाम पर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय का
उद्घाटन एक ऐतिहासिक और भाग्यशाली क्षण है और इस अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय
से संगीत साधना का कार्य जोर-शोर से शुरू किया जाएगा .
स्व. भारतरत्न लता मंगेशकर के जन्मदिन पर मुंबई के रविंद्र नाटय गृह में आयोजित विशेष समारोह में महाराष्ट्र सरकार के लता मंगेशकर पुरस्कार वितरण तथा भारतरत्न लता मंगेशकर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री श्री.शिंदे बोल रहे थे.
हर साल महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक निदेशालय के माध्यम से गायन और संगीत क्षेत्र में अतुलनीय प्रदर्शन करने वाले वरिष्ठ कलाकारों को गणसम्राज्ञी लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. इस विशेष समारोह में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विख्यात गायिका उषा मंगेशकर को वर्ष 2020 का लता मंगेशकर पुरस्कार और वर्ष 2021 का पुरस्कार विश्वविख्यात बासुरी वादक पं. हरिप्रसाद चौरसिया को प्रदान किया.
सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार,राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, उद्योग मंत्री उदय सामंत, स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, विधायक सदा सरवणकर, विधायक आशीष शेलार, वरिष्ठ संगीतकार अशोक पत्की, मीनाताई खाडीलकर, पद्मश्री. सोनू निगम, आदिनाथ मंगेशकर, संगीतकार मयूरेश पाई, वरिष्ठ गायक अनूप जलोटा, पंकज उदास,रूपकुमार राठौड़, सांस्कृतिक मंत्रालय के सचिव सौरभ विजय इस अवसर पर उपस्थित थे.
लता मंगेशकर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय का उद्घाटन
भारतरत्न लता मंगेशकर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय का उद्घाटन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया. इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय के प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया गया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने कहा कि लतादीदी भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज आज भी हमारे दिलों में है, मराठी मिट्टी में पैदा हुआ यह रत्न पुरे भारतदेश का हो गया. उन्होंने स्वरमाता को यह कहते हुए सलाम किया कि उनकी आवाज सुने बिना एक भी दिन नहीं गुजरता क्योंकि वह लाखों प्रशंसकों के दिलों में एक दंतकथा बन कर रह गयी हैं. लतादीदी के नाम से दिए जाने वाले पुरस्कारों का आज वितरण हुआ. इस पुरस्कार के साथ हमने इसके लिए कई कदम उठाए, पिछली कैबिनेट मीटिंग में ही हमने इस संदर्भ में फैसला लिया था. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि इस महाविद्यालय के लिए पु.ल. देशपांडे कला अकादमी की जमीन अस्थायी रूप से उपलब्ध करायी गयी है. वैसे ही कलिना में पुस्तक निदेशालय की 7 हजार वर्ग मीटर जमीन कला निदेशक को सौंपी जा रही है.
प्रख्यात गायिका उषाताई और विश्वविख्यात बासुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया, जिन्हें पिछले दो सालों के पुरस्कारों से सम्मानित किया जा रहा है, ये वे दो नाम हैं जो नमन करने योग्य हैं. वह अपने नाम और अनुठे कार्य से प्रशंसकों के दिलों पर राज कर चुके हैं और अब भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री शिंदे ने इन दोनों महान कलाकारों को बधाई देते हूए उनकी प्रशंसा में कहें.
उषाताई न केवल हिंदी और मराठी गीत नही गाए है बल्कि, अलग-अलग प्रांतों की अलग-अलग भाषाओं के गीत गाकर उन्होंने सही मायने में 'भारत को जोड़ा'. पंडित हरिप्रसाद चौरसिया की बासुरी ने पुरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया. उनकी बासुरी की आवाज न केवल उन्हें बल्कि पुरे भारत में जानी जाती है। उनकी बासुरी में देश की सीमाओं को तोड़ने की शक्ति है और नई चीजें सीखने का उनका दृढ़ संकल्प काबिले तारीफ है।
मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि इस महाविद्यालय के उत्थान के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे ताकि दुनिया हमारे महाराष्ट्र के कलाकार की सराहना और सम्मान दिखाए.
हमारे ट्वीटर हँडल को फॉलो करे : http://twitter.com/MahaMicHindi
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उषा मंगेशकर और पं. हरिप्रसाद चौरसिया का लता मंगेशकर
पुरस्कार से सम्मान
भारतरत्न
लता मंगेशकर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय का उद्घाटन
लतादीदी के नाम पर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय से संगीत साधना का कार्य जोर-शोर से शुरू होगा-
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
नई दिल्ली , २९ :
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को
विश्वास व्यक्त किया कि लतादीदी के नाम पर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय का
उद्घाटन एक ऐतिहासिक और भाग्यशाली क्षण है और इस अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय
से संगीत साधना का कार्य जोर-शोर से शुरू किया जाएगा .
स्व. भारतरत्न लता मंगेशकर के जन्मदिन पर मुंबई के रविंद्र नाटय गृह में
आयोजित विशेष समारोह में महाराष्ट्र सरकार के लता मंगेशकर पुरस्कार वितरण तथा भारतरत्न
लता मंगेशकर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय के उद्घाटन समारोह में
मुख्यमंत्री श्री.शिंदे बोल रहे थे.
हर
साल महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक निदेशालय के माध्यम से गायन और संगीत क्षेत्र में अतुलनीय प्रदर्शन करने वाले वरिष्ठ
कलाकारों को गणसम्राज्ञी लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. इस विशेष
समारोह में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विख्यात
गायिका उषा मंगेशकर को वर्ष 2020 का लता
मंगेशकर पुरस्कार और वर्ष 2021 का पुरस्कार
विश्वविख्यात बासुरी वादक पं. हरिप्रसाद
चौरसिया को प्रदान किया.
सांस्कृतिक
मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार,राजस्व
मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल, उच्च एवं
तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, उद्योग मंत्री उदय सामंत, स्कूल शिक्षा
मंत्री दीपक केसरकर,
विधायक सदा
सरवणकर, विधायक आशीष शेलार, वरिष्ठ संगीतकार अशोक पत्की, मीनाताई खाडीलकर, पद्मश्री.
सोनू निगम, आदिनाथ मंगेशकर, संगीतकार मयूरेश पाई, वरिष्ठ गायक अनूप जलोटा, पंकज उदास,रूपकुमार राठौड़, सांस्कृतिक मंत्रालय के सचिव सौरभ विजय
इस अवसर पर उपस्थित थे.
लता मंगेशकर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय का उद्घाटन
भारतरत्न
लता मंगेशकर अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय का उद्घाटन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया. इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा
अंतर्राष्ट्रीय संगीत महाविद्यालय के प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया गया.
इस
अवसर पर मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने कहा कि लतादीदी भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज आज भी हमारे दिलों में है, मराठी मिट्टी में पैदा हुआ यह रत्न पुरे भारतदेश का हो
गया. उन्होंने स्वरमाता को यह कहते हुए सलाम किया कि उनकी आवाज सुने बिना एक भी
दिन नहीं गुजरता क्योंकि वह लाखों प्रशंसकों के दिलों में एक दंतकथा बन कर रह
गयी हैं. लतादीदी के नाम से दिए जाने वाले
पुरस्कारों का आज वितरण हुआ. इस पुरस्कार के साथ हमने इसके लिए कई कदम उठाए, पिछली कैबिनेट मीटिंग में ही हमने इस संदर्भ में फैसला
लिया था. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि इस महाविद्यालय के लिए पु.ल.
देशपांडे कला अकादमी की जमीन अस्थायी रूप से उपलब्ध करायी गयी है. वैसे ही कलिना
में पुस्तक निदेशालय की 7 हजार वर्ग
मीटर जमीन कला निदेशक को सौंपी जा रही है.
प्रख्यात
गायिका उषाताई और विश्वविख्यात बासुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया, जिन्हें पिछले
दो सालों के पुरस्कारों से सम्मानित किया जा रहा है, ये वे दो नाम हैं जो नमन करने योग्य हैं. वह अपने नाम और अनुठे कार्य से प्रशंसकों के दिलों पर राज कर चुके हैं और अब भी कर रहे
हैं. मुख्यमंत्री शिंदे ने इन दोनों महान कलाकारों को बधाई देते हूए उनकी प्रशंसा
में कहें.
उषाताई न केवल हिंदी और मराठी गीत नही गाए है बल्कि, अलग-अलग प्रांतों की
अलग-अलग भाषाओं के गीत गाकर उन्होंने सही मायने में 'भारत को जोड़ा'. पंडित हरिप्रसाद चौरसिया की बासुरी
ने पुरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया. उनकी बासुरी की आवाज न केवल उन्हें बल्कि पुरे
भारत में जानी जाती है। उनकी बासुरी में
देश की सीमाओं को तोड़ने की शक्ति है और नई चीजें सीखने का उनका दृढ़ संकल्प
काबिले तारीफ है।
मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि इस महाविद्यालय के
उत्थान के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे ताकि दुनिया हमारे महाराष्ट्र के कलाकार
की सराहना और सम्मान दिखाए.
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