बाघ अभयारण्यों के प्रबंधन
प्रभावशीलता के आकलन में देश की शीर्ष दस परियोजनाओं में महाराष्ट्र में पेंच बाघ
अभयारण्य;
मुख्यमंत्री ने वन विभाग के
अधिकारियों को बधाई दी
नई दिल्ली 3 : राज्य में प्रभावी वन्य जीव प्रबंधन के कारण
प्रदेश के छह टाइगर रिजर्व,
संरक्षित क्षेत्रों एवं बाहरी संरक्षित क्षेत्रों में बाघों सहित
वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है. भारतीय बाघ गणना 2022 के लिए आयोजित कैमरा ट्रैप में बाघों की संख्या 312 से
बढ़कर 390 हो गई है। महाराष्ट्र राज्य का पेंच टाइगर रिजर्व के
प्रबंधन प्रभावशीलता आकलन में देश की शीर्ष दस परियोजनाओं में शुमार है। मुख्यमंत्री
एकनाथ शिंदे ने मुंबई में मंगलवार को आयोजित राज्य वन्यजीव बोर्ड की20वीं बैठक में
वन विभाग के अधिकारियों को इसकी बधाई दी।
वन मंत्री सुधीर
मुनगंटीवार ने नागपुर से दूरदृश्य प्रणाली के माध्यम से भाग लिया। मंत्रालय में
मुख्यमंत्री समिति कक्ष में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विकास
खड़गे, वन विभाग के प्रधान सचिव वेणुगोपाल रेड्डी, प्रधान
मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) महीप गुप्ता मौजूद थे। पिछले चार वर्षों में राष्ट्रीय
स्तर पर बाघों की संख्या 2967 से बढ़कर 3167 हो गई है। यह वृद्धि 6.74 प्रतिशत है
और इसकी तुलना में पिछले चार वर्षों में महाराष्ट्र में बाघों की संख्या में 25
प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हर चार साल में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा
बाघ अभयारण्यों के प्रबंधन की प्रभावशीलता का आकलन किया जाता है। 2022 में हुए इस
आकलन में पेंच टाइगर रिजर्व को देश में आठवां स्थान मिला है।
इस बैठक में अभयारण्य
और पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में टाइगर ट्रेल के साथ विकास
परियोजनाओं के प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई । इनमें मुख्य रूप से ब्रॉडबैंड
कनेक्टिविटी के लिए भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल, सड़क परियोजनएं के प्रस्ताव शामिल थे।
इस अवसर पर
मुख्यमंत्री द्वारा महाडेटा वेब पोर्टल का शुभारंभ किया गया। यह वेब पोर्टल
महाराष्ट्र में चल रही अनुसंधान परियोजनाओं के परिणामों के प्रसार के लिए एक मंच विकसित किया गया है। उपरोक्त अनुसंधान
परियोजनाओं में भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा किताबें, जर्नल लेख, तकनीकी रिपोर्ट, एमएससी
थीसिस, पीएचडी थीसिस, इंटर्नशिप थीसिस
और लोकप्रिय लेखों का समावेश रहेगा।
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