नई दिल्ली 21 : महाराष्ट्र संत, महात्माओं, विचारकों, स्वातंत्र्य सैनिकों की भुमी है. देश को स्वतंत्रता मिलने के पश्चात महाराष्ट्र राज्य की निर्मित 1960 मे हुई तब से महाराष्ट्र का सर्वसमावेशी विकास हो इस दिशा मे त्तकालिन नेताओं ने प्रयास किया. इसे और आगे आधुनिक महाराष्ट्र बनाने का प्रयास निरतंर सरकारों ने जारी रखा. इसलियें आज महाराष्ट्र देश खेती, सहकार, शिक्षा, उद्योग ऐसी भी क्षेत्र मे अग्रणी स्थानपर है.
देश तथा महाराष्ट्र के लिए कियें गये अतुलनीय योगदान के लिए राज्य सरकार हरवर्ष ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार प्रदान कर उचित सम्मान करती है. इसी के धर्तीपर इस वर्ष से राज्य सरकार ने ‘महाराष्ट्र उद्योग पुरस्कार’ देने की घोषणा की. प्रथम ‘उद्योगरत्न’ पुरस्कार वरीष्ठ उद्योजक पद्मविभूषण रतन टाटा को उनके निवास स्थानपर शनिवार को प्रदान किया गया.
इसके साथ ‘उद्योगमित्र’, ‘उद्योगिनी’, ‘मराठी उद्यमी’ पुरस्कार की श्रेणी भी रखी गई है. इसमें सिरम इंस्टीट्यूट के अदार पुनावाला को ‘उद्योगमित्र’ पुरस्कार, किर्लोस्कर समूह की गौरी किर्लोस्कर को ‘उद्योगिनी’ पुरस्कार, विलास शिंदे को सर्वश्रेष्ठ ‘मराठी उद्यमी’ पुरस्कार रविवार को प्रदान किया गया.
यह पुरस्कार समारोह मुंबई के जिओ वर्ल्ड कन्व्हेन्शन सेंटर यहा आयोजित किया गया. इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, उद्योग मंत्री उदय सामंत, मुख्य सचिव मनोज सौनिक, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव हर्षदीप कांबले आदि उपस्थित थे।
उद्योगरत्न' पुरस्कार का प्रारूप 25 लाख रुपये, एक पदक और एक प्रमाण पत्र है। 'उद्योगमित्र' पुरस्कार का प्रारूप 15 लाख रुपये, सम्मान चिन्ह और प्रमाण पत्र, 'उद्योगिनी' पुरस्कार का प्रारूप 5 लाख रुपये, सम्मान चिन्ह और प्रमाण पत्र और 'सर्वश्रेष्ठ मराठी उद्यमी' पुरस्कार का प्रारूप 5 लाख रुपये, सम्मान चिन्ह और प्रमाण पत्र है।
हममें से किसी ने भी भगवान को नहीं देखा है। लेकिन, भगवान चराचर में हैं. भगवान हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए आते हैं। इस वर्ष के ‘उद्योगरत्न’ पुरस्कार के लिए हमने ऐसे ही एक ईश्वरपुरुष को चुना है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस अवसर पर कहा कि टाटा अटूट विश्वास, गुणवत्ता का आश्वासन और महान सामाजिक चेतना का प्रतीक है।
मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है. महाराष्ट्र राज्य देश की औद्योगिक प्रगति का ग्रोथ इंजन है। इस ग्रोथ इंजन के पीछे सबसे बड़ी ताकत उद्योग क्षेत्र है। उन्होंने कहा, इसीलिए सरकार ने यह उद्योग पुरस्कार देकर राज्य के उद्योग जगत को सम्मानित करने का निर्णय लिया है. ‘उद्योग रत्न’ पुरस्कार के साथ-साथ उन्होंने बताया कि 'उद्योग मित्र', 'उद्योगिनी' और ‘उत्कृष्ट मराठी उद्यमी’ के चार सत्कारमुर्ती के बीच बड़ी एक साम्यता है वह है ‘विश्वास’ है।
मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा, उद्योगपतियों की कई पीढ़ियों ने हमारे राज्य का निर्माण किया। आजादी के बाद से इस देश में उद्योगों का योगदान रहा है। आज देश एवं प्रदेश में बड़े पैमाने पर सर्विस सेक्टर, आईटी सेक्टर का विकास हुआ है। औद्योगिक क्षेत्र ने अब तक अरबों हाथों को रोजगार दिया है। हम राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा देना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनानी है, इसमें महाराष्ट्र 1 ट्रिलियन डॉलर का योगदान देना चाहता है। दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक में हमने 1 लाख 37 हजार करोड़ के समझौतों पर हस्ताक्षर किये. 85 प्रतिशत अनुबंध क्रियान्वित हो चुके हैं। आज महाराष्ट्र विदेशी निवेश के मामले में देश में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है, ऐसा मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा।
महाराष्ट्र में सर्वश्रेष्ठ मानव संसाधन - उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस
टाटा ट्रस्ट ने आधुनिक भारत के विकास में अमूल्य योगदान दिया है। हमें गर्व है कि दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा टाटा समूह महाराष्ट्र में स्थित है। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि प्रत्यक्ष निवेश में महाराष्ट्र नंबर वन है और सबसे अच्छा मानव संसाधन महाराष्ट्र में है।
श्री फड़णवीस ने कहा, देश की स्टार्टअप राजधानी महाराष्ट्र में है. सबसे ज्यादा स्टार्टअप महाराष्ट्र में हैं. इस्पात उद्योग में निवेश बढ़ रहा है, गढ़चिरौली जिला भविष्य की 'स्टील सिटी' के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार एक ट्रिलियन इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ते हुए सभी विभागों के साथ आगे बढ़ रही है.
टाटा ट्रस्ट सेवाभावी संस्था - उपमुख्यमंत्री अजित पवार
राज्य सरकार उद्योग के क्षेत्र में महाराष्ट्र का नाम आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही है। टाटा ट्रस्ट एक धर्मार्थ संगठन है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य के इतिहास में उद्योग क्षेत्र का पहला पुरस्कार रतन टाटा को दिया गया है. उप मुख्यमंत्री श्री पवार ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि नई पीढ़ी ने अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर शानदार काम किया है।
प्रास्ताविक में उद्योग मंत्री उदय सामंत ने पुरस्कार शुरू करने के पीछे की भूमिका के बारे में बताया. उन्होंने उद्योग मित्र एवं रोजगार मित्र नवीन परियोजनाओं के साथ-साथ उद्योग मित्र वैन के बारे में भी जानकारी दी।
इस अवसर पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन चन्द्रशेखरन ने कहा कि उद्यमियों को पुरस्कृत करना राज्य सरकार की बेहद सराहनीय पहल है. महाराष्ट्र देश में उद्योग जगत में अग्रणी राज्य है। साथ ही इसे शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग के मामले में दूरदर्शी राज्य के रूप में भी जाना जाता है।
श्री पुनावाला ने कहा, सिरम इंस्टीट्यूट देश की, महाराष्ट्र की संस्था है। महाराष्ट्र ने कोविड काल में 90 प्रतिशत वैक्सीन उपलब्ध करायी। महाराष्ट्र की कार्य संस्कृति अलग है, इसलिए हम महाराष्ट्र में उद्योग को प्राथमिकता देते रहेंगे।' उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार राज्य, देश के साथ-साथ सीरम संस्थान के श्रमिकों और कर्मचारियों का यह सम्मान है।
गौरी किर्लोस्कर ने उद्योग में महिलाओं के लिए समान अवसर पैदा करने के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने उद्योग के क्षेत्र में अपने दादा और पिता के योगदान का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि वह भारत की रचनात्मक शक्ति में विश्वास करती हैं.
विलास शिंदे ने कहा, मैं एक किसान हूं और यह कहना होगा कि जब से सरकार ने मराठी उद्यमी पुरस्कार दिया है, तब से उद्योग का दर्जा पाने की दिशा में काम शुरू हो गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि किसान मिलकर काम करें तो कृषि क्षेत्र में बदलाव जरूर आ सकता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रोजगार कार्यक्रम के अंतर्गत सफल उद्यमियों की सफलता की कहानियों की पुस्तक का विमोचन गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया।
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अंजु निमसरकर/21.08.2023
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