Tuesday 24 November 2015

मुंबई हुई महिला सुरक्षा गस्त से लैंस






            

नई दिल्ली, २४ : विभिन्न क्षेत्र में अग्रेसर  राज्य से  पहचाने जाने वाले महाराष्ट्र की पहचान महिला सुरक्षा के मामले में भी अग्रेसर राज्य की है. राजधानी मुंबई मेंमहिला सुरक्षा गस्त वाहन दस्तों के माध्यम सें नया अध्याय जुड गया है. मुंबई पुलीस ने शहर में  सभी ९४ पुलिस थानों में आधुनिक सुविधा से लैस  महिला सुरक्षा गस्त मोबाईल वाहन तैनात किए  है.  
देश के नक्षे पर मुंबई हमेशा से ही महिलाओं के लिए सुरक्षित शहर रहा है. सुरक्षा के लिए मानव संसाधन के साथ ही आधुनिक तकनिक की जरूरत को ध्यान में रख कर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार रोखने के लिए पुलिस विविध उपायों का क्रियान्वयन कर रही है. शहर में महिलाओं को अधिक सुरक्षित माहोल प्रदान करने हेतु महिला सुरक्षा गस्त वाहन दस्ते तैनात किए गए है.मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों हालही में मरिन ड्राइव्ह पुलिस जिमखाना में महिला सुरक्षा गस्त मोबाईल वाहन का लोकार्पण हुआ.  
 महाराष्ट्र हमेशा से ही महिलाओं के सुरक्षा को खास तवजौ देने वाला राज्य रहा है. महिला सुरक्षा गस्त वाहन दस्ते के माध्यम से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर रोंक लगाने में मदद होगी. महिला तथा बालाकों पर हो रहे अन्याय को रोंकने के लिए इन दस्तो को क्रियान्वीत किया गया है, इससे मुंबई पुलिस के शान में नया तमका लगा है. यह दस्ते पुलिस कंट्रोल रूम, महिला शिकायत निवारण कक्ष, महिला हेल्पलाइन तथा व्हॉटसएप नंबर से वायरलेस के माध्यम से जोडे गए है. महिलाओं की रक्षा करने के लिए मुस्तैद रहने वाले इन दस्तों में महिला पुलिस कर्मचारी तैनात रहेगी. कंट्रोल रूम से महिला अत्याचार कॉल आने पर यह गस्ता तत्काल प्रभाव से घटनास्थल पर दाखिल होगा.  
महिला सुरक्षा गस्त वाहन दस्तों के माध्यम से महिला एवं बालकों के सुरक्षा के बारे में जागरूकता निर्माण होने में अधिक मदद होगी ऐसा विश्वास  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जताया.  मुंबई शहर की बढती जनसंख्या ध्यान में रखते हुए महिला व बालकों पर होते अत्याचारों में हुई बढोतरी चिंता का विषय है. महिलाओं के लिए सुरक्षित माहोल बनाने के हेतु अपराधों का पंजिकरन एवं अपराध साबित होने की संख्या में वृध्दी होने की आवश्यकता  है जो इन दस्तों के माध्यम से पुरी होगी. 
मुंबई के साथ राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसे दस्ते बनाए जा रहे है. क्राइम एंड  क्रिमिनल ट्रैक्रिंग नेटवर्क एण्ड सिस्टीम (सीसीटीएनएस) के माध्यम से राज्य के सभी पुलीस थाने कम्प्युटर से जोडे गए है. इससे कारगर तथा सक्षम पुलीस फोर्स तैयार होने में मदद हो रही है.         


                                         

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