Thursday 3 December 2015

मिडीयाव्दारा मराठी साहित्य का प्रचार - डॉ. के. श्रीनिवासराव






नई दिल्ली, दि.३ : मराठी साहित्य पाठक-श्रोताओं तक पहुंचाने का महत्वपुर्ण कार्य मिडीया ने बड़ी ही जिम्मेदारी से कीया, ऐसा साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने कहा.
                महाराष्ट्र सूचना केंद्र मे आयोजित दिवाली अंक प्रदर्शन का उदघाटन डॉ. श्रीनिवासराव के हाथों  हुआ, इस अवसर पर वे बोल रहे थे. सूचना केंद्र के उपनिदेशक  दयानंद कांबले, सूचना अधिकारी अंजू निमसरकर-कांबले, ग्रंथपाल रामेश्वर बरडे तथा परिचय केंद्र के कर्मचारी उपस्थित थे.
                डॉ. श्रीनिवासराव ने कहा, देशभर मे अनेकों भाषा है. लेकीन मराठी साहित्य का प्रसार करने मे महाराष्ट्र के मिडीया  ने विशेष भुमिका निभाई है. अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन के अध्यक्षपद के चुनाव से लेकर संमेलन की रिर्पोटींग देश-विदेश मे करने का काम मिडीया करता है. साहित्य के नीत नये प्रवाह पाठकों तक पहुचाने का काम भी मिडीया करता है. साल मे महाराष्ट्र मे छोटे-बड़े 400 से अधिक साहित्य संमेलन होते है. मराठी साहित्य ने देश को श्रेष्ठ साहित्यिक दियें है.

सूचना केंद्र का दिवाली अंक प्रदर्शन सराहणीय
                दिल्लीस्थित मराठी पाठकों के लिए महाराष्ट्र सूचना केंद्र की ओर से हर साल  दिवाली अंक के प्रदर्शनी आयोजित कि जाती है. यह बेहद सहारणीय उपक्रम होने की बात डॉ. के श्रीनिवासराव ने कही. मराठी साहित्य को उत्तम लेखक कों की दिर्घ पंरपरा है. विविध विषयोंपर मराठी में दिवाली विशेष मासिक निकलती है. इस दिवाली विशेष मासिक की सौ साल से लंबी पंरपरा है. महाराष्ट्र के बाहर दिल्ली में दिवाली विशेष मासिक पाठकों के लिए उपलब्ध कराना बेहद प्रशंसनीय उपक्रम है. इस उपक्रम को शुभेच्छा देते हुयें साहित्य अकादमी की ओर से आवश्यक  मदद उपलब्ध कराने का आश्वासक आश्वासन भी श्री. निवासराव ने इस समय दिया.
                कार्यक्रम का प्रस्ताविक उपनिदेशक श्री कांबले के किया, उन्होंने दिवाली विशेष मासिक का महत्व तथा सूचना केंद्र की ओर से हर वर्ष आयोजित प्रदर्शनी की जानकारी दि. दिवाली विशेष मासिकों मे लेखन करने वाले साहित्यीक के विषय में भी उन्होंने बताया. उपसंपादक रितेश भुयार ने कार्यक्रम का सूत्रसंचालन किया.   महाराष्ट्र  सूचना केंद्र के दिवाली विशेष मासिक प्रदर्शनी में विविध विषयोंपर १०७ मासिक उपलब्ध  है. आज से यह पदर्शनी वाचकों के लिए खुली है.

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