Wednesday, 13 January 2016

पुणे की मूला-मूठा नदी की सफाई के लिए केंद्र सरकार और जीआईसीए के बीच ऋण समझौतें पर हस्ताक्षर

                                                      



नई दिल्ली, 13 : पुणे की मूला- मूठा नदी की सफाई के लिए केंद्र सरकार और जापान की जापान इंटरनॅशनल कोऑपरेशन एजन्सी (जायका) इस कंपनी के साथ बुधवार को ऋण समझौतें पर हस्ताक्षर किये.  इस अवसर पर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावडेकर उपस्थित थे.
जापान इस परियोजना के लिए 0.30 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से भारत को 19.064 बिलियन येन (लगभग 1,000 करोड़ रूपयें) का ऋण उपलब्ध करायेंगा. समझौंते पर हस्ताक्षर के बाद अपने संबोधन में श्री जावडेकर ने इसे ऐतिहासिक समझौंता बताया.  इस समझौते सेजापान के साथ सहयोग के नये अध्याय की शुरूआत होने की बात भी उन्होंने कही.
  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व्दारा चिन्हित देशभर की 302 प्रदूषित नदियों में से पुणे की मूला-मूठा नदिया है. मूला-मूठा में प्रदूषण का प्रमुख कारण शहर में पर्याप्त सीवरेज प्रणाली और सीवेज निस्तारण नहीं होने की वजह से घर का अपशिष्ट जल इसमें डालना और नदी के किनारे में खुले में शौच करना है.  शहर के मध्य से बहनेवाली नदी की सफाई की मांग पुणे के नागरीकों की ओर से कई वर्षो से हो रही थी. महाराष्ट्र सरकार ने राष्ट्रीय नदी संरक्षण परियोजना (एनआरसीपी) को इन नदीयों की सफाई का प्रस्ताव भेजा था . 
केंद्र सरकार तथा जायका कंपनी के बीच हुए इस समझोते  मे नदी सफाई के लिये लगभग 1 हजार करोड़ रूपयें का ऋण दिया जायेंगा. भारत सरकार को ऋण का भुगतान 40 वर्ष में करना होगा जिसमें 10 वर्ष की रियायत अवधि शामिल है. यह परियोजना जनवरी 2022 तक पूरी होनी है.
परियोजना के अंतर्गत प्रमुख प्रस्तावित घटाकों में 11 नये सीवेज का निर्माण और 4 वर्तमान मध्यम पंपिंग स्टेशनों का पुर्नस्थापन शामिल है. इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार 841 .72 करोड़ रूपयें और पुणे महानगरपालिका 148.54 करोड़ रूपये देगी.  वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव श्री अशोक लवास ने कहा कि इस समझौते पर हस्ताक्षर से भारत और जापान के बीच बढ़ते सहयोग के बारे में पता चलता है. उन्होंने कहा कि परियोजना से पुणे में नदी स्वच्छ होगी और जागरूकता फैलेगी.

No comments:

Post a Comment