Thursday, 4 February 2016

पेसा कानून के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध : दिपक केसरकर


नई दिल्ली, 04: बांस, तेंदू पत्ते, आदि वन उत्पादों के साथ ही 100 हेक्टर निचे तलाबों का हस्तारंण राज्य के पेसा ग्राम पंचायत को किया गया है. पेसा कानून के क्रियान्वयन के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल ने निर्णायक भूमिका निभाई है. इस कानून का पुरी तरह पालन हो इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है, ऐसा ग्रामविकास राज्यमंत्री दिपक केसरकर ने कहा.
     केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्रालय की ओर से विज्ञान भवन में पेसा कानून का क्रियान्वयनमुद्दे एवं आगामी कदम इस विषय पर गुरूवार को आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला मे वे बोल रहे थे. इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री चौधरी बिरेंद्र सिंह, राज्य मंत्री निहालचंद एवं सचिव एस.एम. विजयानंद मंच पर उपस्थित थे. अनेक राज्यों के संबंधित मंत्री इस कार्याशाला में उपस्थित थे. राज्य की ओर से ग्राम विकास राज्य मंत्री दिपक केसरकर एंव सचिव व्ही. गिरीराज उपस्थित थे.
     महाराष्ट्र के आदिवासीयों के हितों क ध्यान में रखते हुयें राज्य सरकार पंचायत विस्तार (अनुसूचित क्षेत्र)अधिनीयम(पेसा) कानून का क्रियान्वयन ठीक से करने के लिए राज्य सरकार ने कुछ ठोस कदम उठाये है. आदिवासी विभाग के मंजूर नियतव्यय में से 256 करोड़ रूपयें लगभग 5 प्रतिशत रकम पेसा ग्राम पंचायतीयों के विकास के लिए दि जाती है. राज्यपाल चे. विद्यासागरराव ने राज्य में पेसा कानून निभानें मे महत्वपुर्ण भुमिका निभाई है. जिसमें 5 वे परिशिष्ट का क्रियान्वयन सही से हो पाया है. पेसा कानून को और मजबूत करने के लिए इसमें महिलाओं का सहभाग बढा़ने पर राज्य सरकार कोशीश कर रही है, यह जानकारी भी कार्यशाला में श्री केसरकर ने दि.
 पेसा कानून में आदिवासियों की परंपरागत व्यवस्था को संवैधानिक मान्यता दी गई. यह व्यवस्था की गई कि किसी भी राज्य द्वारा आदिवासियों की पंरपरा, रीति-रिवाज और जीवन पध्दती के खिलाफ कोई भी कानून नही बनाया जायेंगा. पेसा कानून में अनुसूचित क्षेत्रों के कमजारे लोगों, खासरकर आदिवासियों को जल,जंगल,जमीन पर पांरपरिक अधिकारी को कानूनी दर्जा दिया गया.
     श्री केसरकर ने यहा कुछ सूचानाओं के साथ मांगे भी रखी, जिनमें राज्य सरकार को दिशा निर्देशीत करने के लिए एक समान न्युनतम साझा कार्यक्रम रखा जायें. इस कानून का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक मानव संसाधन के साथ आर्थिक सहायता प्रदान कर सक्षम बनायें, ऐसा श्री केसरकर ने कहा.
     इस कार्याशाला का उद्घाटन केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री चौधरी बिरेंद्र सिंह एंव राज्य मंत्री निहाचंद ने किया. दोनो मंत्रीयों के सभी भाषण हुयें.                                                                                           

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