नई दिल्ली : पुणे स्थित लोहगांव
हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के संदर्भ में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर 15 मई को पुणे में बैठक लेंगे. इस बैठक में हवाई अड्डे
विस्तारीकरण को अंतीम रूप दीया जायेंगा. यह जानकारी राज्य के खाद्य आपूर्ती मंत्री
गिरीष बापट ने दि.
लोहगाव हवाई अड्डे के
विस्तारीकरण के बारे में अनेक समस्यायें है. जिनके बारे आज में परिवहन भवन में
बैठक का आयोजन किया. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय परीवहन मंत्री नितीन गडकरी ने
की. महाराष्ट्र के खाद्य आपूर्ती मंत्री तथा पुणे के अभिभावक मंत्री गिरीष बापट के
पहले से आयोजित की गई. इस बैठक में
केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर तथा पुणे के स्थानिक लोकप्रतिनीधी उपस्थित
थे.
श्री गडकरी ने बताया, लोहगाव
हवाई अड्डे के विकास में लगने वाला लगभग 2 हजार करोड़ का निधी विमानपतन प्राधिकरण
के पास नहीं है. साथ इस परीयोजना को बनावो-उपयोग करो- हस्तांतरीत करो के आधारपर
बनाया जायें ऐसा सूझाव दिया गया. श्री. पर्रीकर ने इस परीयोजना के लिए रक्षा विभाग
के पास की जमीन प्रथम 30 वर्षो के लिए किराय पर तथा उसके नवीनीकरण के लिए पुन: 30 वर्ष जमीन किराय पर दि जायेंगी. संबधीत जमीन गिरवी न
रखने के शर्त पर पर्रीकर ने स्पष्ट किया. इस पर विचार कर रक्षा विभाग को पर्यायी
जमीन देना, रन वे की लबांई, भुमी अधिग्रहण करना, ट्रॉफीक जॅम से बचने के लिए
रास्ते की चौडाई बढ़ाना आदी विषयोंपर विस्तार से चर्चा की गई.
राज्य कों 28 हजार मेट्रीक टन
अरहर दाल देने की मांग
राज्य में अरहर दाल का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. राज्य
की आपुर्ती को ध्यान में रखते हुऐ केंद्र सरकार की ओर से 28 हजार मेट्रीक टन अरहर
दाल मिले, ऐसी मांग श्री बापट ने केंद्रीय खाद्य व आपुर्ती मंत्री रामविलास पासवान
से की.
राज्य सरकार को अंत्योदय तथा
बीपीएल रेशन कार्ड धारक को अरहर दाल वितरण करने के लिए कमी हो रही है. नाफेड से राज्य
ने अरहर दाल की खरेदी की है. फिर भी दाल की कमी महसूस हो रही है. राज्य की यह
जरूरत को ध्यान में रखते हुऐ राज्य सरकार को केंद्र 28 हजार मेंट्रीक टन दाल
उपलब्ध करायें. इस मांग पर सकारात्मक विचार किया जायेंगा तथा बारी-बारी से दाल
उपलब्ध कराई जायेंगी. ऐसा आश्वासन श्री पासवान ने दिया.
साथ राज्य के गोदामों में
सीसीटीव्ही कॉमेरे लगायें जायेंगे साथ जीपीएस प्रणाली से इसे जोड़ा जायेंगा. इसके लिए केंद्र सरकार निधी
उपलब्ध करायें, गोदाम किराया, रेशन दुकानों का संगणकीकरण, दाल की आयात निती के
बारे चर्चा कि गई.
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