नई
दिल्ली, १६ : उच्चत्तम न्यायालय ने ‘राष्ट्रीय
पात्रता प्रवेश परिक्षा’ (नीट) के दियें गयें निर्णय पर
पुनरविचार कर वर्ष 2016 के लिए महाराष्ट्र राज्य को नीट परिक्षा से छूट मिलने की
मांग, केंद्र सरकार कि ओर की, ऐसी जानकारी महाराष्ट्र के मेडीकल शिक्षा मंत्री
विनोद तावडे ने आज दि.
पुरे
देश में ‘नीट’
को लागू करने के बारे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने
बैठक बुलाई थी. इस बैठक में श्री तावडे उपस्थित थे. बैठक के बाद महाराष्ट्र सदन मे आयोजित पत्रकार
परिषद में श्री तावडे ने यह जानकारी दि.
श्री.
तावडे ने कहा, उच्चत्तम न्यायालय ने सभी राज्यों को मेडीकल तथा दंत मेडीकल पाठयक्रम
के लिए नीट परीक्षा अनिवार्य करणे का निर्णय दिया. यह निर्णय हमे मान्य है. लेकीन
इस वर्ष राज्य की आयोजित सीईटी के माध्यम से प्रवेश दिया जायें. ऐसी मांग इस बैठक
में रखी गई. सीईटी के लिए राज्य का अगल पाठयक्रम है. अभी नीट परीक्षा देने की
सक्ती होने से बदल ने वाला पाठयक्रम विद्यार्थींयों के लिए समस्या है. महाराष्ट्र ने सीईटी के लिए कानून
पारीत कर सरकारी तथा निजी कॉलेजों के लिए एकही सीईटी परीक्षा निर्धारीत की है.
जिससे अवैद्य प्रवेशों पर अंकुश लगा है. महाराष्ट्र
के विद्यार्थी मराठी के साथ उर्दु भाषा से भी सीईटी की परीक्षा दे सकते है. नीट
लागू होने से इस विद्यार्थीयों को परेशानी होगी. सभी राज्यों की लगभग यही स्थिती
है. इसलिए अगले वर्ष से राज्य में ‘नीट’ परीक्षा लागू की जायें, विद्यार्थीयों
का भविष्य ध्यान में रखते हुयें जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार अध्यादेश निकाले ऐसी,
मांग श्री तावडे ने बैठक में की थी. इसकी जानकारी उन्होंने पत्रकार परीषद में दि.
इस मसले पर रविवार को श्री. तावडे ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री
स्मृती ईराणी, केंद्रीय नगर विकास मंत्री वैंकय्या नायडू, अर्थमंत्री अरूण जेटली इनकी भेट लेकर इस वर्ष
राज्य सीईटी के तहत ही परीक्षा दे, ऐसी मांग की, यह जानकारी उन्होंने दि. इस वक्त राज्य के गृह
विभाग के प्रधान सचिव (अतिरीक्त कार्यभार मेडीकल शिक्षा) विजय सतबीर सिंह तथा मेडीकल
शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. प्रवीण शिनगारे उपस्थित थे.
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