Saturday, 16 July 2016

आईएसआईएस व नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए राज्य द्वारा उठाये जा रहे प्रभावी कदम : मुख्यमंत्री फडणवीस









दिल्ली, दि. 16 : मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि आईएसआईएस इस आतंकी संगठन तथा नक्सली गतिविधियों को रोखने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रभावी कदम उठाये गए है।
              राष्ट्रपति भवन में आयोजित 11वीं अंतर-राज्यीय परिषद की बैठक में बोल रहे थे। इस मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर समेत केंद्र सरकार के अन्य मंत्री एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्री व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। राज्य की ओर से मुख्यमंत्री फडणवीस तथा मुख्य सचिव स्वाधिन क्षत्रिय बैठक में उपस्थित थे।
            मुख्यमंत्री ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से राज्य द्वारा प्रभावी कदम उठाए गए है। सरकार ने राज्य के युवाओं को आईएसआईएस इस आतंकी संगठन में शामिल होने से रोकने के लिए प्रभावी रणनीति बनाई है। उन्होंने कहा कि आतंकी गतिविधियों संबंधी केंद्र व राज्य सरकार में सूचनाओं के आदान-प्रदान की मशीनरी को अधिक सक्षम बनाया गया है। साथ ही राज्य के समुद्री तट की सुरक्षा के लिए आवश्यक व आधुनिक सुरक्षा प्रणाली के इंतजाम किए गए है। मुख्यमंत्री ने बताया कि गडचिरोली जिले में नक्सलियों की गिरफ्तारी की संख्या में वृद्धि के साथ नक्सलियों द्वारा सरेंडर करने का प्रमाण भी बढ़ा है। लिहाजा क्षेत्र में शांति का माहौल बन रहा है। तेलगांना और छत्तीसगढ़ पुलिस की सहायता से इस क्षेत्र में 318 अंतर-राज्यीय गतिविधियां जारी है।    
                 वस्तू व सेवा कर विधेयक का  स्वागत : राज्य को राजस्व भरपाई मिले
केंद्र सरकार के वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) को राज्य का पूरा समर्थन है। वस्तु व सेवा कर की वजह से राज्य को एक साल में 14 हजार करोड़ रुपये के करीब राजस्व नुकसान होने वाला है। इस नुकसान को पाटने के लिए केंद्र से अगले पांच साल के लिए राज्य को नुकसान भरपाई मिलनी चाहिए। इसलिए राज्य में वस्तु व सेवा कर के साथ 1 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लिए जाने की जरुरत है।
पुंछी समिती की रिपोर्ट का स्वागत
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने केंद्र-राज्य संबंधों पर अपनी संस्तुतियां देने के लिए जस्टिस एम.एम. पुंछी के नेतृत्व में गठित आयोग की रिपोर्ट का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस रिपोर्ट पर अपना मत व्यक्त करने के लिए और समय दिया जाए। साथ ही मांग की कि आयोग के सूझाओं पर अमल करने के लिए राज्य सरकार को पर्याप्त निधी उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से प्रदेश की जनता को जल्द से जल्द न्याय मिले, इसलिए न्याय विभाग के बुनियादी ढाचे को बेहतर बनाने के लिए 50 प्रतिशत निधी देने की भी मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पुंछी आयोग ने सभी राज्यों से राज्यसभा पर भेजे जाने वाले सदस्यों की संख्या समान रखने की सूचनाओं से सहमत नही है। राज्यसभा के लिए वर्तमान में जो पद्धती अस्तित्व में है उसे बरकरार ऱखा जाना चाहिए। आयोग ने गरीब राज्यों के लिए सीडी रेशो बैंक क्रेडिट निर्देशांक का विकास समय में पूरा किया जाए, इस बात से राज्य सरकार सहमत नही है। उसके बजाय सीडी रेशो बँक क्रेडीट महाराष्ट्र समेत अन्य प्रगत राज्यों के लिए लागू किया जाए। जिससे महाराष्ट्र के आदिवासी क्षेत्र, दुर्गम क्षेत्र एवं नक्सली क्षेत्र तथा विदर्भ व मराठवाडा इन पिछडे क्षेत्र का विकास करना संभव होगा।  
आधार कार्ड पंजीकरण में राज्य अग्रसर
मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य में 100 फीसदी लोगों का आधार कार्ड पंजीकरण कराया गया है। जनधन के तहत 73 फीसदी लोगों के खाते खोले गए है। साथ ही राज्य में दूरसंचार सेवाओं का घनत्व 93 फीसदी तक लाने में राज्य ने सफलता अर्जित की है। इसके अलावा केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का जनता को लाभ मिले, इसके लिए राज्य सरकार प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना पर तेज गति से आगे बढ रही है। राज्य में शिशुओं की अस्पताल में आधार कार्ड पंजीकरण, 5 साल के निचे बालक-बालिकाओं का अंगनवाडी में आधार कार्ड पंजीकरण करने तथा 18 साल से कम उम्र के बच्चों का स्कूलों में ही आधार कार्ड पंजीकरण की प्रक्रिया शुरु है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र के विधेयक-2016 की तर्ज पर राज्य में भी आधार कार्ड के जरिए लोगों को सुविधाए तथा अनुदान देने संबंधी विधेयक तैयार किया जा रहा है। 
राज्य में संपत्ति का पंजीकरण के साथ पासपोर्ट के लिए आधार कार्ड का ई-केवाईसी ( नो यूवर कस्टमर) करने संबंधी एकात्मिक प्रणाली स्थापित की गई है। वर्ष २०१५-१६ में करीब 77000 लोगों की दुय्यम निबंधक कार्यालय में बगैर जाते ही दस्तावेजों का पंजीकरण कराया गया है।
सेवा गारंटी कानून का प्रभावी क्रियान्वयन
  राज्य में 21 अगस्त 2015 को सार्वजनिक सेवी गारंटी कानून लागू हुआ है। इसके अंतर्गत 328 सेवाएं चिनिह्त की गई है। 26 जनवरी 2016 से इसमें से 156 सेवाओं को आम जनता के लिए अपनी सरकार इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध करा दी गई है। आगामी 2 अक्टुबर तक इन सभी सेवाओं को मोबाईल एप पर उपलब्ध करा दी जायेगी। इस उपक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य में 35000 सेवा केंद्र स्थापित किए जा रहे है।
अगले साल के अंत तक भी  ग्राम पंचायतें होगी वायफाय से लैस
प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगले साल के अंततक राज्य में ग्रामपंचायतों को वायफाय से लैस किया जायेगा। उन्होने कहा कि इस वर्ष 1 मई से नागपूर जिले के पांच गांवों में ग्रामपंचायत,स्वास्थ्य केन्द्र तथा स्कूलों में 10 एमबीपीएस वायफाय सेवा उपलब्ध करा दी गई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र की अर्थ व्यवस्था को बढावा देने के लिए राज्य की 28 हजार ग्रामपंचायतों को वर्ष 2018 तक ऑप्टिकल फायबर नेटवर्क्स से जोडने की योजना पर काम जारी है।


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