पहले चरण में 8.5 लाख किसानों के खातों में
कर्जमाफी की 4 हजार करोड़ रकम जमा
नई दिल्ली, 18: महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सन्मान
योजना के तहत प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी की प्रक्रिया प्रत्यक्ष रुप से शुरु
हो गई है। गुरुवार को पहले चरण में साढे आठ लाख किसानों के खाते में 4000 करोड़ रुपये की रकम जमा कर दी गई है। मुख्यमंत्री
देवेन्द्र फडणवीस ने एक समारोह के दौरान किसानों को उनकी कर्ज माफी का प्रमाणपत्र
देते हुए आश्वस्त किया कि कर्जमाफी के निकषों में बैठने वाले सभी किसानों का कर्ज
मुक्त होने तक यह योजना कार्यान्वित रहेगी।
सह्याद्री अतिथिगृह में आयोजित
समारोह में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस योजना के पहले चरण में कर्जमाफी के
लिए 3200 करोड़ रुपये और प्रोत्साहनपर रकम
योजना के लिए 800 करोड़ ऐसी कुल 4 हजार करोड रुपये की रकम किसानों के खाते में जमा कर दी
गई है। उन्होने उम्मीद जताई कि इस योजना के तहत 15 नवबंर तक 85 फीसदी किसानों को उनके कर्जमाफी की रकम अदा कर दी
जाएगी। समारोह में 8 विभागों के कर्जमुक्त किसानों को
प्रतिनिधिक रुप में प्रमाणपत्र देकर उनका सत्कार किया गया। इसके अलावा जिले के
पालकमंत्री के हाथो किसानों को कर्जमाफी का प्रमाणपत्र दिया गया। इस मौके पर
राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल, परिवहन मंत्री दिवाकर रावते, वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार, सहकार मंत्री सुभाष देशमुख और मुख्य सचिव सुमित मल्लिक
मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के
लिए आज का दिन महत्वपूर्ण और कर्तव्यपूर्ति का है। अन्नदाता पर आए संकंट को दूर
करने के लिए कर्जमाफी का फैसला लिया गया। प्राकृतिक आपदा के कारण खेती का विकास दर
निचे आ गया था। इसलिए शुरुआत के दो वर्षों में हमने खेती में निवेश बढाने पर जोर
दिया। इसमें लगभग तीन गुना निवेश बढाया गया। उन्होने कहा कि जिन भागों में कोई फसल
नही उगती थी, वहां अब फलबागवानी को बढावा दिया
गया है। इससे खेती का विकास दर बढकर 12.5 प्रतिशत होने के साथ उसका उत्पादन 40 हजार करोड़ रुपये से बढ़ गया है। खेती में निवेश बढने के
कारण ही यह कामयाबी मिल सकी है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि
जलयुक्त शिवार योजना के माध्यम से 20 लाख हेक्टर संरक्षित सिंचाई निर्माण हुई है और खेती के
क्षेत्र में इसी तरह अगले पांच व र्ष तक निवेश करते रहे तो निश्चित तौर पर उत्पादन
दोगना हो सकेगा। पिछले कई वर्षों से किसान संस्थागत कर्ज रचना के बाहर थे। फिर से
सावकार से कर्ज नही लेना पड़े, इसलिए किसानों को संस्थागत रचना
के दायरे में लाया गया। इस संकल्पना के माध्यम से किसानों द्वारा लिया गया कर्ज
वापस करने की उनमें क्षमता बढे, इसलिए खेती में और निवेश बढाने
की ओर सरकार ज्यादा ध्यान देगी। महाराष्ट्र के लगभग नौ लाख किसानों को दीपावली का
तोहफा मिला है।
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