Wednesday 21 June 2023

किसानों के लाभ हेतू विज्ञान और प्रौद्योगिकी का समर्थन - मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

 


प्रत्येक जिले में विज्ञान और नवाचार पहल केंद्र; ठाणे में विज्ञान केंद्र
राजीव गांधी विज्ञान और प्रौद्योगिकी आयोग की प्रस्तुति
नई दिल्ली, 21 – किसानों का हित और लाभ को ध्यान में रखते हुए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी गतिविधीयों को लागू करना चाहिए। इन गतिविधियों को लागू करने हेतू महाराष्ट्र सरकार हर संभव सहयोग करने की जानकारी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई मे दी ।
मुंबई में सह्याद्री गेस्ट हाऊस में मंगलवार को हुई बैठक में श्री.शिंदे बोल रहे थे । इस समय राजीव गांधी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आयोग के अध्यक्ष, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनिल काकोड़कर ने आयोग के कामकाज और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अभिनव कार्यक्रमों पर एक प्रस्तुति दी।
केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा एमटीडीसी की ओर से लोनार सरोवर (जिला बुलढाणा) में चल रही परियोजना को गति देने के लिए प्रत्येक जिले में विज्ञान एवं नवाचार केंद्र शुरू करने तथा ठाणे जिले में विज्ञान केंद्र शुरू करने जैसे निर्णय लिए गए।
मुख्य सचिव मनोज सौनिक, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन कारीर, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव विकास चंद्र रस्तोगी, प्रमुख सचिव पराग जैन-नैनुटिया, उद्योग विभाग के विकास आयुक्त दीपेंद्र सिंह कुशवाहा, आयोग के सदस्य सचिव डॉ. एन. जी. शाह मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने कहा कि हमारे जंगलों और आसपास बड़ी मात्रा में जड़ी-बूटियां उपलब्ध हैं। किसान भी इनसे वाकिफ हैं। इन सभी प्राकृतिक संसाधनों में मूल्य जोड़कर किसानों को इसका लाभ उठाना चाहिए। किसानों व्दारा उत्पादित पदार्थ लंबे समय संवार्धित रहने हेतू, हमें विज्ञान और नवीनतम प्रौद्योगिकी का सहारा लेना होगा । इमे समृध्दी राजमार्ग के साथ सटे 18 नोड्स याने की नए शहरो का विकास होगा।”
आयोग की बायोमेडिकल डिवाइस निर्माण गतिविधियों और विभिन्न परियोजनाओं, बायोमेडिकल पार्क, महाराष्ट्र जीन फंड, इंजीनियरिंग छात्रों के लिए एमएसएमई इंटर्नशिप को विभिन्न योजनाओं और नीतियों के साथ एकीकृत करने का भीनिर्णय लिया गया।
आयोग द्वारा राज्य में कोल्हापुरी गुड़, हल्दी और बांस के महत्वपूर्ण उत्पादों को लेकर चलाए जा रहे कार्यक्रम पर चर्चा की गई।
आयोग की प्रगती
विज्ञान और प्रौद्योगिकी वित्त पोषित परियोजना के अनुदान के लिए प्रकल्प – 137, पूर्ण परियोजनाएं – 91, विभागवार संख्या इस प्रकार है: शिक्षा-15, सूचना संग्रह-8, अभियांत्रिकी-25, कृषि, पशुपालन एवं खाद्य प्रसंस्करण-38, औषधि निर्माण उद्योग-12, मत्स्य उद्योग-20, जल संसाधन-10, ग्रामीण विस्तार- 9.

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